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स्मार्ट सिटी योजना के तहत करोड़ो रुपए का लग रहा पलीता

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Sep 20, 2018

विनोद शर्मा - मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर का नाम भले प्रदूषण के मामले में सबसे ऊपरे पायदान पर हो बावजूद इसके ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी योजना के तहत करोड़ो रूपए पानी की तरह बाहें जा रहे है। मामला ग्वालियर शहर का है। जहां 10  वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड  लगाने में 3 करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि खर्च कर दी गयी है।  बावजूद इसके ये साइन बोर्ड गलत जानकारी बता रहे है, जिसको लेकर नगर निगम की बैठक में भी जमकर हंगामा हुआ साथ ही इस पूरे मामले में भ्रष्ट्राचार के आरोप लग रहे है।

वैरिएबल साइन बोर्ड दे रहे गलत जानकारी

स्मार्ट सिटी के तहत ग्वालियर शहर के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड गलत जानकारी दे रहे हैं, इससे लोग भ्रमित हो रहे हैं। लोगों को ट्रेफिक, मौसम, हवा की गति आदि जानकारी देने के लिए स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से शहर के प्रमुख स्थानों पर वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड (वीएमएस) लगाए जा रहे हैं। जिन स्थानों पर वीएमएस बोर्ड प्रारंभ कर दिए गए हैं, वहां मिलने वाली जानकारी गलत आ रही है। ऐसे में निगम के विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है, साथ ही स्मार्ट सिटी कंपनी से लेकर उसे जुड़े आधिकारियों को घेरने में लग गयी है।

10 स्थानों पर लगे करोड़ के वीएमएस बोर्ड

ग्वालियर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर में 10 स्थानों पर 3 करोड़ के वीएमएस बोर्ड लगाए जा रहे हैं। करीब 30 लाख की कीमत वाले वीएमएस बोर्ड को देखने की बजाय आमजन सही जानकारी के लिए गूगल पर सर्च कर रहे हैं। ऐसे में जब विपक्ष भ्रष्ट्राचार से लेकर साइन बोर्ड को फिजूली खर्चा बता रहा है, तो उस पर निगम कमिश्नर का अपना अलग ही तर्क है।

वैसे वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड में ये प्रदर्शन होना था। लेकिन हो तो रहा है, लेकिन गलत।

· एक सड़क से दूसरी सड़क का ट्रेफिक।

· मौसम की जानकारी, 

· हवा की जानकारी,

· प्रदूषण की शहर में स्थिति,

· लेटेस्ट जानकारियां।

गुणवत्ता और कीमतों पर भ्रष्टाचारी के आरोप

बहरहाल शुरूआती दौर में वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड ग्वालियर के फूलबाग गुरुद्वारा रोड, रेलवे स्टेशन, उरवाई गेट, हजीरा रोड पाताली हनुमान मंदिर, सिटी सेंटर स्थित राजमाता चौराहा पर वीएमएस बोर्ड प्रारंभ कर दिए गए हैं। जबकि सिटी सेंटर पुल, गोले का मंदिर चौराहा, स्काउट गाइड के सामने बाड़ा, ओल्ड सर्किट हाउस, गश्त का ताजिया, मराठा बोर्डिंग और इंदरगंज पर शुरू होना बाकी है। वीएमएस बोर्ड का संचालन नगर निगम के सिटी सेंटर मुख्यालय पर बने कंट्रोल ऑफिस से किया जा रहा है। लेकिन अभी साइन बोर्ड पूरी तरह से लगे भी नही है, लेकिन उससे पहले उसकी गुणवत्ता और कीमतों पर भ्रष्ट्राचार के आऱोप लगने लगे है।