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उमरेठ में गहराया जल संकट, विधायक बना रहे नगर में पेयजल व्यवस्थाएं

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Apr 9, 2018

तहसील मुख्यालय उमरेठ जो परासिया विकासखंड की सबसे बड़ी पंचायत है जहां इतिहास में पहली बार जल संकट इतने विकराल रूप में गहराया है। यहां के निवासी पेयजल आपूर्ति के चलते साइकिलों पर कुप्पियाँ बाल्टियां बांध कर और वाहनों में टंकी रखकर कई किलोमीटर दूरी तय कर खेतों में कृषि कार्य हेतु लगे नलकूपों से पानी लाकर आपूर्ति करने पर मजबूर हैं।
उमरेठ में वर्ष 1981-82 में बस स्टैंड में 45000 लीटर क्षमता वाली ओवरहेड पानी की टंकी का निर्माण कर नल जल योजना अंतर्गत ग्राम में भूमिगत पाईप लाईन का विस्तारीकरण किया गया था। तब उमरेठ की जनसंख्या मात्र 5000 थी। इसके बाद 15 वर्ष पूर्व 55000 लीटर पानी क्षमता वाली में एक और नई पानी की ओवरहैड टंकी का निर्माण 52 क्वार्टर उमरेठ में हुआ है।

भूजल स्तर नीचे चले जाने से नलकूपों के जलस्रोतों में आई कमी
पूर्व की अपेक्षा क्षेत्र का भूजल स्तर बहुत ज्यादा नीचे उतर गया है जिससे क्षेत्र में संचालित हैंडपंप बंद हो गए हैं। नल जल योजना के अंतर्गत बनी ओवरहेड टंकी जिसे नलकूपों में मोटर डालकर भरकर सप्लाई छोड़ी जाती थी अब नलकूपों में पानी खत्म हो जाने की वजह से टंकी लोड नहीं हो पा रही है। 8 दिन में एक बार 5 से 10 मिनट की अवधि तक  नल जल योजना  की लाइनों में पानी सप्लाई छोड़ी जाती है लोग पीने का पानी भी नहीं भर पाते हैं और सप्लाई बंद हो जाती है। सरपंच एवं वार्ड पंचों के घर पानी की शिकायतों को लेकर भीड़ लगने लगी है। विगत माह की अपेक्षा धीरे धीरे अब और पानी की किल्लत बढ़ते जा रही है। अभी मई और जून की चुनोती भरी भीषण गर्मी बाकी है। पानी की किल्लत है बढ़ गई है। क्षेत्र में किसानों द्वारा कुछ समय पूर्व खेती में सिंचाई के लिए नलकूप खनन कराए गए थे जिनमे हजार फीट गहरे उत्खनन कराने पर भी पानी की संभावनाएं नही मिली है। 

रिलायंस की जियो मोबाइल कंपनी की ओएफसी भूमिगत लाइन ने बढ़ाई पेयजल समस्या
वर्तमान में उमरेठ क्षेत्र में मुख्य मार्ग होते हुए जियो मोबाइल कंपनी की एचडीबी मशीन द्वारा बोर कर ओएफसी भूमिगत लाइन डाली जा रही है। जिससे उमरेठ में संचालित नल जल योजना की भूमिगत पाइप लाइन जगह जगह कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे नल जल योजना में प्रवाहित होने वाले जल में गंदा पानी आ रहा है। साथ ही लाइन क्षतिग्रस्त होने से घंटो तक सप्लाई छोड़ने पर भी पानी नलो तक नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामपंचायत उमरेठ द्वारा रिलायंस जिओ कंपनी के प्रतिनिधि को भूमिगत ओएफसी लाइन कार्य हेतु एनओसी इस शर्त पर प्रदान की गई थी कि यदि नल जल योजना की पाइप लाइन कहीं से भी क्षतिग्रस्त होती है तो कंपनी को अपने व्यय मरम्मत करा कर देनी होगी। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पंचायत के बार बार कहने पर भी हीला हवाला किया जा रहा है।

मैन लाइन के बांटे कनेक्शन 
ओवरहेड टंकी लोड करने की मैन लाइन जो सीधे बोर होकर आई है उससे पुलिस थाना, तहसील कार्यालय, पटवारी ऑफिस व अन्य जगह कनेक्शन दे दिए गए हैं, जो 24 घंटे बहते रहते हैं जिससे बोर का पूरा पानी ओवरहेड टंकी तक नहीं पहुंच पाता और जहां 2 घंटे में टंकी भर जाना चाहिए वहां 10 से 12 घंटे मैं भी टंकी नहीं भर पाती है।

शोभा की सुपारी बने हैं विधायक निधि के पानी के टैंकर
ग्राम पंचायत उमरेठ में विधायक निधि के दो टैंकर हैं। पंचों द्वारा बताया गया है कि उन टैंकरों को तीन चार माह पूर्व ग्राम के ही किसी कर्जदार ने अपने कब्जे में ले लिया था। जिसे कब्जे से छुड़ाया लिया गया है। एक टैंकर से ग्रामवासी अपने व्यय पर ग्राम में अलग-अलग मोहल्लों में लोग मिलकर अपने व्यय पर जल आपूर्ति कर रहे हैं। वही एक टैंकर रिलायंस की जियो कंपनी को ग्राम पंचायत द्वारा किराए पर दिया गया है। विधायक सोहन वाल्मीक से ग्रामीणों ने नगर में और टैंकर की आवश्यकता बताई जिस पर विधायक ने एक और पानी का टैंकर स्वीकृत किया है जिसे ग्राम पंचायत द्वारा लाना बाकी है।
नलजल योजना से आज भी अछूते है उमरेठ के ये वार्ड
ग्राम पंचायत उमरेठ अंतर्गत कुल 20 वार्ड हैं जिसमें से 15 वार्डों में नल जल योजना संचालित है वही 5 वार्ड वार्ड क्रमांक 1 हेटी, 2 जामुननाला, 17 भीड़ढाना, पूरनढाना, 18 टेकड़ाढाना, 19 ढाना तथा वार्ड नंबर 20 राखीढाना, महावीरढाना, गौमुखढाना इस योजना से आज भी नलजल योजना से अछूते हैं। यहां के लोग कई किलोमीटर दूर खेतों के नलकूपों से पानी लाकर पेयजल आपूर्ति करते हैं। महिलाएं कतार बद्ध तरीके से 1 से 3 किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाकर परिवार में जा आपूर्ति करती हैं।

गंदगी में हैं वॉल्व चेम्बर
उमरेठ में जमीन की सतह से 3 से लेकर 5 फीट गहरी भूमिगत पाइप लाइन गड़ी हुई है उसके ऊपर सीमेंट कांक्रीट रोड का निर्माण कर दिया गया है। नल जल योजना को संचालित करने के लिए पानी की टंकी के नीचे एवं ग्राम में कई जगह पाईप लाईन में वाल्व लगाए गए हैं। इन वाल्व चैंबरों के गड्ढे भी 3 से 5 फिट गहरे हैं वॉल्वो का नियमित इस्तेमाल करने पर लीकेज हो जाना आम बात है परंतु यह लीकेज सीमेंट से निर्मित 5 से 6 फीट गहरे गड्ढे के अंदर होने से लीकेज होकर टाको का भर जाना और वह पानी काफिर उसी उसी पाईप लाईन में चले जाना स्वाभाविक सी बात है। क्योंकि यह वॉल्व चेम्बर सड़क के किनारे किनारे बने होने के कारण इनमें नालियों कूड़े-कचरे की गंदगी बजबजाती रहती है। इसके बाद भी वर्षों से ऐसी हालत में यहां नल जल योजना इसी अवस्था में संचालित है। पेयजल प्राप्ति के लिए नल कनेक्शन धारियों ने अपने घर के पास आंगन में 3 से 6 फीट गहरे गड्ढे खुदवा रखे हैं जिसके अंदर नल का आउटपुट होता है। उमरेठ में किसी भी घर में नल कनेक्शन में टोटियां नहीं है जब तक मनचाहा पानी भर लिया और नल को खुला छोड़ दिया। गड्ढा पानी से भर जाता है और पानी गंदगी को समेटकर फिर लाइन में चला जाता है।

दूषित पेयजल पीने से नगर में डॉक्टरों के यहां मरीजों की लगी रहती है भीड़

उमरेठ में स्वच्छ साफ पीने योग्य पानी मिल पाना सपना सा हो गया है। यहां आए दिन दूषित पानी पीने के चलते कई संक्रामक बीमारियां भी फैलती हैं। वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, हैजा, टाइफाइड, वायरल इंफेक्शन, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना लेती हैं। जिससे उमरेठ का एक भी घर मरीज से बाकी नहीं है। हर घर में जहां मरीज दिखाई देते हैं। यहां के डॉक्टरों के दवाखानों पर नियमित मरीजों की लाइन लगी रहती है।

उमरेठ क्षेत्र के  भूमिगत पानी में फ्लोराइड  की मात्रा

उमरेठ क्षेत्र के अधिकांश नलकूपों हैंड पंप मैं फ्लोराइड की मात्रा बहुत अधिक है। क्षेत्र में कई हैंडपंप पीएचई द्वारा लाल रंग पुताई कर बंद कर दिए गए परंतु पानी के अभाव को देखते हुए अभी भी कई हैंडपंप फ्लोराइड के चलते भी संचालित हैं। कई हैंडपंपों से लगातार पीला ही पानी निकलता है। जिससे यहां फ्लोरोसिस के मरीजों की संख्या ज्यादा है। जिसका प्रभाव सीधे दांत, अस्थियों एवं जोड़ों पर पड़ता है।

कभी भी ढह सकती है क्षतिग्रस्त ओवरहेड पानी की टंकी

उमरेठ में बस स्टैंड पर 45,000 लीटर पानी की क्षमता वाली ओवरहेड पानी की टंकी का निर्माण 40 वर्ष पूर्व किया गया था आज टंकी की हालत यह है कि टंकी पूर्ण तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिससे कई बार रिपेयर भी किया गया। टंकी बाहर से तो ठीक-ठाक दिखती है परंतु टंकी के अंदर पानी के दाब के चलते लगातार क्षरण होता चला गया जिससे पानी की टंकी की मोटाई आधी ही बची है। टंकी निर्माण में प्रयुक्त लोहा का जाल स्पष्ट दिखाई देने लगा है। टंकी के अंदर की दीवार का मलवा टंकी में एकत्रित हो गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की टंकी कभी भी ढह सकती है। ग्रामवासी इस मलवा युक्त दूषित पेयजल का उपयोग कर रहे हैं।

विधायक बना रहे नगर में पेयजल की व्यवस्थाएं

नगर में इतिहास में पहली बार आए इस भारी पेयजल संकट को देखते हुए नगरवासी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पास गुहार लगाने की बजाए अब विधायक के घर का दरवाजा खटखटाने लगे हैं। ऐसा ही मामला उमरेठ के वार्ड नंबर 20 महावीर ढाना का सामने आया। जहां उमरेठ ग्राम पंचायत की नल जल योजना संचालित नहीं है। यहां के वासी हैंड पंप और खेतों में सिंचाई के लिए लगे नलकूपों के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे थे। भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण यहां के हैंडपंप बंद हो गए। यहां के निवासियों ने संगठित होकर विधायक के घर का दरवाजा खटखटाया। जिस पर विधायक ने वार्ड नंबर 20 महावीर ढाना में स्थित हैंड पंप में पुराने बोर को रिफ्रेश कर मोटर डालकर पेयजल सप्लाई नियमित करने का निर्देश पीएचई विभाग को दिया है।

विधायक सोहन वाल्मीक का क्या है कहना 
वर्तमान में मेरे द्वारा ग्राम पंचायत उमरेठ को एक और पानी का टैंकर स्वीकृत किया जा रहा है। जहां तक बात क्षतिग्रस्त ओवरहेड पानी की टंकी एवं पाइपलाइन विस्तारीकरण की है मेरे द्वारा शासन को पत्र लिखकर वर्तमान जनसंख्या अनुसार भविष्य को देखते हुए उचित क्षमता की ओवरहेड पानी की टंकी के साथ पूरे नगर में ओपन पाइप लाइन विस्तारीकरण की मांग की गई है। जो शासन द्वारा जल्द ही पूरी कर दी जाएगी।