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जब स्कूल में शिक्षक ही न हो तो कैसे हो गुड़वत्ता में सुधार?

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Sep 29, 2018

वरुण शर्मा - सरकार शिक्षा के स्तर में पानी की तरह पैसा बहा रही है लेकिन सतना जिले में शिक्षा के अपनी बदहाली पर अंशू बहा रही है। जिले के अधिकांश स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की मनमानी से दो चार हो रहे है जिला प्रशाशन की नाकामी व मनमाने पद स्थापना के चलते शिक्षक विहीन है। हाल ही में कोटर हाई स्कूल में एक साल से शिक्षक के अभाव से गुजर रहा था जहाँ छात्रो को सड़क पर संगर्ष करना पड़ा था अब उचेहरा तहसील के हायर सेकेंड्री में मैथ,बायो, इंग्लिश के टीचर्स नही है। छात्रो में आगामी एग्जाम को लेकर चिंता की लकीरें खिंच गयी है यही वजह कि अब शिक्षक के सड़क पर संगर्ष कर जिला प्रशासन से माँग कर रहे है।

सतना के कई स्कूल शिक्षक के अभाव से गुजर रहे है। वही अधिकारी गहरी नींद में है जिसके पीछे पदस्थापना की गलत नीति है। वही अधिकारी की दलील सुने तो 5 जुलाई को काउंसलिंग हो चुकी है अतिथि शिक्षको की भर्ती नही हो पा रही है गोल मोल जवाब के बीच अधिकारी बचते नजर आ रहे है। अधिकारी शिक्षको की चॉइस फीलिंग की बात कर रहे है। शिक्षक के पाले में गेंद रखकर उनके मन की बात कर रहे है कि जो जाना चाहे वो वहाँ जा सकते है। ऐसे में शिक्षा अधिकारी व शिक्षको का गठजोड़ साफ झलक रहा है।

एक तरफ सरकार शिक्षा के स्तर में पुरजोर प्रयास में जुटी है वही सतना के उचेहरा मॉडल स्कूल जिला शिक्षा अधिकारी व शिक्षको की मनमानी का मॉडल बन कर रह गया है। जहाँ 3 महीने छात्र स्कूल में शिक्षक के लिए संगर्ष कर रहे है और अधिकारी कुर्सी में बैठकर चॉइस की बात कर रहे। ऐसे में भला कैसे पड़ेगा इंडिया आगे कैसे बढ़ेगा इंडिया।