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अधिकारियों के मिलीभगत का खमियाजा भुगत रहे पीड़ित किसान, किसानों की बदहाली का जिमेदार कौन?

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Jan 18, 2019

दिनेश धारपुरे - सौसर मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मोहगांव जलाशय का निर्माण किया जा रहा है जहां बांध निर्माण  की प्रकिया से अब तक की स्थिति सन्दिग्ध है बांध के निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है वही जलाशय के अंदर बेशकीमती सागवान के पेड़ सहित अन्य पेड़ो को तस्करों ने अपना शिकार बना कर तस्करी शुरू कर दी है और जिम्मेदार विभाग मात्र मलाई खाने में मशगूल है ऐसा प्रतीत हो रहा है।

इन समस्याओं से कराया अवगत

वहीं पीड़ित किसानों ने क्षेत्र के नवागत विधयाक के पास अपनी समस्याओं का दुःख रोया पीड़ित किसानों बताया कि किस तरह उनके साथ शासन के नुमाइंदों ने छल कपट किया है।

1. भू अर्जन नगर पालिका से 15 किलोमीटर के अंतर्गत आता है नगर पालिका के हिसाब  से भूमि के रेट नही दिए गए।

2. वही संबंधित अधिकारियों ने सिंचित भूमि का मुवाजा असिंचित करके दिया, खेत मे कुवा ट्यूबवेल होने पर भी असिंचित का ही मुवाज़ा दिया गया।

3. कृषकों के खेतों में कुएं ट्यूबवेल, पक्के मकानों के मुवाज़ा भी गाइडलाइन के आधार पर नही दिया गया।

4. किसानों के विस्थापन में भी अनियमितता बरती गई है विस्थापन का पीड़ितों को लाभ नही दिया जा रहा।

5. कुछ किसानों की आधी भूमि अधिग्रहित कर आधी छोड़ फि गई जिसका मुवाजा भी नही दिया गया की जिसमे आनेजाने का रास्ता न होने से शेष भूमि का उपयोग नही। 

6. वन पट्टाधारियों को नही नही अधिग्रहण का कोई लाभ

7. जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई उन्हें शासन द्वारा दूसरी जगह भूमि खरीदने पर कोई भी स्टम्प शुल्क में कोई छूट नही दी गई।

8. विस्थापित परिवारों को नही मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ।

9. पीड़ित किसानों का आरोप है कि अधिकारियों के लीपापोती और मिलीभगत का खमियाजा उन्हें भुगताना पड़ रहा है, किसान के खेत मे लगभग 500 से अधिक सागवान के पेड़ है किंतु उन्हें मुवाज़ा मात्र 200 पेड़ का ही मिला उन पेड़ो की कीमत भी गाइडलाइन से कम आकि गई जिसके कारण लगभग 10 करोड़  का मुवाज़ा का नुकसान उनका हुआ है।

10. किसानों ने क्षेत्र के नवागत विधायक विजय चोरे को मौकास्थल पर ज्ञापन सोप घटना से अबगत कराया तो विधयाक ने जल्द ही निष्पक्ष जांच का वचन पीड़ितों को दिया साथ ही पूर्व विधायक  पर सत्ता का दुरुपयोग का आरोप भी लगाया।

उचित मुवाज़े के लिए दिया ज्ञापन

बांध निर्माण में विभिन्न विभाग जसमे जलसंसाधन, राजस्व, हॉर्टिकल्चर वन विभाग और भी सभी सम्बंधित विभागों में पीड़ितों ने कई बार भूमि का मुवाज़ा, पेड़ो की गणना, फलदार पेड़ और कुवा मोटर पम्प मुवाज़ा के लिए कई बार चक्कर काटे संतरी से मंत्री तक को के बार उचित मुवाज़े के लिए ज्ञापन आवेदन दिए किंतु कोई उचित हल किसानों की समस्या का नही निकल पाया है, सत्ता परिवर्तन और किसानों के संवेदनसील मामले को सरकार प्रमुखता से ले रही है, इसी से पुनः किसानों की उम्मीद की किरण जगी है कि देर सबरे ही सही सूरज निकलेगा जरूर।