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बेटी के बिना सृष्टि का संचालन संभव नहीं : वन मंत्री

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Mar 19, 2018

वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार ने कहा है कि आज बेटी का जन्म होना वाकई लक्ष्मी के आने जैसा है। क्योंकि उसके जन्म से लेकर विवाह और जननी बनने तक प्रदेश सरकार की कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटी के बिना सृष्टि का संचालन संभव नहीं है। चूंकि सृष्टि नए जन्म से ही आगे बढ़ती है। इसलिए बेटी है तो कल है। बेटी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमारी धार्मिक परम्परा के अनुसार नवरात्र में कन्या पूजन किया जाता है और नारी को देवी स्वरूपा माना जाता है। बता दें कि वन मंत्री ने यह बात जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करते हुए कही।
वन मंत्री ने रायसेन में 80 लाख रूपए की लागत से निर्मित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात वन मंत्री डॉ शेजवार ने कन्या पूजन किया तथा कन्याओं को उपहार भी वितरित किए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस सर्वसुविधायुक्त भवन से अधिकारियों, कर्मचारियों को कार्य के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा तथा उनकी कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।  

जल चेतना सप्ताह में सभी की सहभागिता
शेजवार ने कहा कि वर्तमान में जिले में जल चेतना सप्ताह चल रहा है, जिसमें सभी को सहभागिता करनी चाहिए। जल संरक्षण में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षकों की विशेष प्रतिष्ठा होती है तथा उनकी बातों को भी विशेष महत्व दिया जाता है। शिक्षक छात्रों, उनके अभिभावकों तथा नागरिकों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे तो इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा। छात्र देश के भविष्य हैं, यदि उन्हें बचपन से ही जल बचाने की शिक्षा दी जाए तो वह आगे चलकर कारगर होगी। स्कूल में मिली सीख पर बच्चे ज्यादा अमल करते हैं और वे परिवार के लोगों को भी पानी की बर्बादी करने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपनी प्रतिष्ठा का उपयोग जनचेतना में करना चाहिए।

शिक्षकों को जिम्मेदारियों से कराया अवगत
उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक का राष्ट्रवाद है कि वह समय पर स्कूल आए, स्कूल आने के पहले घर पर अध्ययन करें कि उसे आज छात्रों को क्या पढ़ाना है। अध्यापन के समय शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वह स्वयं यह महसूस करें कि मैनें जो अध्यापन का कार्य किया है, उसे मैं ठीक से कर पाया कि नहीं। शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे तो परिणाम अच्छा आएगा और छात्रों तथा राष्ट्र का भविष्य उज्जवल होगा।