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सालों पुरानी परंपरा आज भी बेटमा में जीवित, हर वर्ष होती है घुड़सवारी की प्रतियोगिता

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Oct 20, 2018

विकास सिंह सोलंकी - हर वर्ष की तरह इंदौर के नजदीक बेटमा ग्रामीण क्षेत्र में दशहरा पर हर साल यह घोड़े सवार की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है सालों पुरानी परंपरा आज भी बेटमा में जीवित है  जिसमे शहर के कई घोड़े सवारी हिस्सा लेते है इंदौर के नजदीक बेटमा शहर में आज भी 300 साल पुरानी परंपरा को  गांव वाले जीवित रखे हुए हैं दशहरे के पूर्व यहां पर घोड़े सवारी  प्रतियोगिता की जाती है जिसमें प्रदेश और देश भर से घुड़सवार इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आते हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में यहां एक अनोखी परंपरा है पहले यहां पर बैलों की रेस हुआ  करती थी  धीरे-धीरे धीरे चलन बदलते गया और घुड़सवारी प्रतियोगिता प्रारंभ की गई और लगातार कई वर्षों से  इस प्रकार का  आयोजन दशहरे के उपलक्ष में आयोजित की जाती है जिसमें देशभर से कई घोड़े सवार अपने घोड़ों के साथ में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आते है।

विभिन्न प्रकार के  कर्तव्य भी दिखाते हैं और  लोगों को मनोरंजन करते हैं 300 साल से चली आ रही परंपरा को  जीवित रखने के लिए गांव के लोग और प्रशासन की मदद से हर साल यहां हजारों की तादात में घोड़े सवार एवं दर्शक लोग इस प्रतियोगिता  में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।