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1990 में बोफोर्स के बाद अब मिलेगी सेना को बड़ी गन, इस गन को बॉर्डर पर किया जाएगा तैनात

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Apr 7, 2019

अरविंद दुबे : लगभग तीन दशक के बाद भारतीय सेना को नई तोपें मिलने जा रही है। सोमवार गन कैरिज फैक्ट्री GCF में धनुष  तोप को भारतीय सेना को सौंपा जाएगा। इस दौरान आयुध निर्माणी बोर्ड, सेना तथा जीसीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। 1990 में बोफोर्स के बाद अब जाकर कोई बड़ी गन सेना को सौंपी जा सकेगी।

धनुष में हैं ढेरों खूबियां
बता दें कि देश की सबसे बड़ी आर्टीलरी गन धनुष में वैसे तो ढेरों खूबियां हैं। GCF में वर्ष 2012 से जब धनुष प्रोजेक्ट पर काम शुरु किया गया, जब से दर्जनों अत्याधुनिक तकनीकों को जोड़ा जा चुका है। हाल ही में अपग्रेडेड कम्युनिकेशन सिस्टम लगाया गया है। 

दुश्मन के ठिकानों का पता लगाना हुआ आसान
गौरतलब है कि धनुष सैटेलाइट के जरिए न केवल दुश्मन के ठिकानों की पोजीशन हासिल कर सकते है, बल्कि खुद गोले लोड कर फायर करने में भी सक्षम है। यह तोप  एक मिनट में तीन फायर करती है और डेढ़ घंटे तक लगातार गोले  दागने में सक्षम है। 155 एमएम बैरल से 38 किमी दूरी तक निशाना साधा जा सकता है. 46.5 किलोग्राम का  फायर किया जाता है
 
एक दर्जन से ज्यादा तोपें तैयार
जीसीएफ में तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा तोपें तैयार हो चुकी हैं। सोमवार को एक साथ छह तोपें सेना को सौंपी जाएगी। इस दौरान सकेट्री डिफेंस प्रोडक्शन डॉ अजय कुमार मुख्यातिथि होंगे।

पाकिस्तान और चायना बॉर्डर पर होगी इस गन की तैनाती

जीसीएफ को नए वित्तीय वर्ष के लिए 114 गनों का बल्क प्रोडक्शन आर्डर हाल ही में हासिल हुआ है। इसके बाद से उत्पादन की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है। 38 किमी. दूरी तक निशाना साधने वाली इस एकमात्र गन की तैनाती पाकिस्तान और चायना से लगी सरहद पर की जाएगी।