Nov 14, 2025
भोपाल में 78वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा का भव्य आगाज: 19 देशों के जायरीन, 12 लाख श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड भीड़
भोपाल के ईटखेड़ी इलाके में शुक्रवार तड़के फजर की नमाज के साथ 78वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत हो गई। चार दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक महासम्मेलन में 19 देशों से आए जायरीनों सहित करीब 12 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है। मौलाना हारून की तकरीर से औपचारिक आगाज हुआ, जो 17 नवंबर तक चलेगा। सुरक्षा और सुविधाओं के हाईटेक इंतजामों से पूरा आयोजन स्थल जीवंत हो उठा है।
रिकॉर्ड तोड़ती भीड़ और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
इस बार इज्तिमा में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, ईरान, केन्या और मोरक्को समेत 19 देशों के श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। गुरुवार रात से ही देशभर से लोगों का आना शुरू हो गया, जिससे 120 एकड़ में फैली टेंट सिटी पूरी तरह भर गई। सुबह तक पंडाल का आधा हिस्सा नमाजियों से खचाखच था। आयोजकों का अनुमान है कि कुल 12 लाख से अधिक लोग शामिल होंगे, जो इसे हज के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्लामी जलसा बनाता है। शुरू में मात्र 13 लोगों से यह आयोजन अब लाखों की सभा में तब्दील हो चुका है।
तकरीरों का सिलसिला और धार्मिक संदेश
फजर के बाद मौलाना हारून ने पहली तकरीर में अल्लाह के रास्ते पर चलने और पैगंबर की सुन्नत अपनाने की सलाह दी। पूर्व संध्या पर मगरिब नमाज के बाद भोपाल के मुफ्ती मुजीब उद्दीन ने नमाज की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यह मुसलमान की पहचान है और इससे दूर होने से जीवन में मुश्किलें बढ़ती हैं। कुरान, फरिश्तों और पांच वक्त नमाज को सफलता का माध्यम बताया। जुमे की नमाज के बाद भी तकरीरें जारी रहेंगी, जिनमें इल्मी बयान और दीन की दावत पर फोकस होगा। समापन पर दुआ-ए-खास के बाद जमातें दुनिया भर में रवाना होंगी।
हाईटेक सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था
12 लाख श्रद्धालुओं के लिए अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। 300 एकड़ पार्किंग में 2 लाख दोपहिया, 50 हजार चारपहिया और 1000 बसें खड़ी हो सकेंगी। 200 सीसीटीवी और 6 ड्रोन से निगरानी, फूड जोन, स्वास्थ्य शिविर, अस्थाई अस्पताल और गर्म पानी की व्यवस्था है। वॉलेंटियर्स पूरे रास्ते तैनात हैं, निशुल्क भोजन कैंप लगे हैं। दिल्ली घटना के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर बीडीडीएस जांच रोज दो बार हो रही है। यातायात पुलिस ने भारी वाहनों पर रोक लगाई है।
विशेष आयोजन: निकाह और समावेशी व्यवस्था
असर की नमाज के बाद 300 सादगीपूर्ण निकाह होंगे, जहां दिल्ली से आए उलेमा वैवाहिक जीवन को इबादत बनाने की शिक्षा देंगे। मूक-बधिरों के लिए अलग खंड में सांकेतिक भाषा से लाइव अनुवाद हो रहा है, ताकि कोई पीछे न रहे।
यह आयोजन न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक है, बल्कि संगठन और सेवा की मिसाल भी पेश कर रहा है।







