Mar 14, 2024
भोपाल इन दिनों सैडमैप ईडी अनुराधा सिंघाई विरोधियों की रडार पर है और सैकड़ो यातना सिस्टम को सुधारने की वजह से झेल रही है जिसकी वजह.....सेडमैप की डूबती नाव को नैय्या पार लगाना माना जा रहा है .....जी हां जुलाई वर्ष 2021 तक जो सैडमैप 10 महीनो तक कर्मचारियों की सैलरी नही दे पा रहा था और वैधानिक वित्तीय कर्ज की मार झेल रहा था अब कैसे दुरुस्त सिस्टम होने से बुलंदियां छू रहा है वजह साफ है 28 जुलाई 2021 को ED के तौर पर अनुराधा सिंघाई ने सैडमैप की कमान संभाली और अपने 22 साल के अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के आधार पर न केवल सैडमैप में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त किया और सिर्फ 4 महीने में 14 महीनो की कर्मचारियों सैलरी दी और संस्था का वित्तीय संकट दूर किया जिसके लिए अनुराधा सिंघाई को व्याप्त सिस्टम की कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कुछ सख्त निर्णय लिए जिसमे ऐसे कर्मचारी और एजेंसियों को बाहर का रास्ता दिखाया जो अव्यवस्था और भ्रस्ताचारी तंत्र में शामिल थे जिसकी वजह से अब ये तंत्र मैडम की किला बंदी कर झूठे आरोप लगाकर मैडम को सुर्खियों में ला दिया..... इन सब से बैखौफ ये महिला अपने काम में लगी रही और संस्था से जुड़े हजारों कर्मचारियों और प्रदेश के बेरोजगारों की चिंता करने लगी
बाइट अनुराधा सिंघाई एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सैडमैप -
वर्ष 2022 सेडमैप में सैडमेप सूक्ष्म लघु मध्यम विभागो की सरकारी नोडल एजेंसी बनने से संस्था के कार्य में 10 गुना ज्यादा गति दे दी जिसका परिणाम 30 हजार से ऊपर लोगो को रोजगार मिला अब संस्था जिलेवार जो घर से चलती अब ऑफिस मिलने से नई कीर्तिमान स्थापित कर रही है और भरोसा खो चुकी एजेंसियों को ऑनलाइन सिस्टम से त्रिस्तरीय कमेटी चयन प्रक्रिया ने पारदर्शी भरोसे मंद सिस्टम खड़ा कर दिया जिससे आज सैकड़ो संस्था सैडमैप से जुड़ी और जुड़ना चाहती है सैडमैप के जिलेवार अधिकारी अब क्षेत्रीय भौगलिक आधार पर रोजगार का चयन कर रहे है इससे न केवल लोगो को रोजगार मिल रहा है बल्कि सरकार के सपने बेरोजगारी को समाप्त करने के अब साकार होते नजर आ रहे है