Loading...
अभी-अभी:

जीवाजी विश्वविद्यालयः इस बार किसी को नहीं मिल सकेगी मानद उपाधि

image

Feb 8, 2018

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में इस बार किसी को भी मानद उपाधि से विभूषित नहीं किया जाएगा। अब मानद उपाधि लेने वाले को एक साल इंतजार करना होगा। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि मानद उपाधि के लिए 3 सदस्यीय कमेटी नहीं बन सकी है। इस कमेटी में एक प्रतिनिधि राज्यपाल का होता है,जबकि संकाय अध्यक्ष का प्रतिनिधि और कुलपति का प्रतिनिधि भी इस कमेटी में शामिल होता है।

कमेटी नहीं बन सकी...

पूर्व राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली के प्रभार छोड़ने और आनंदी बेन पटेल के शपथ लेने के दौरान यह कमेटी नहीं बन सकी, और ना ही राज्यपाल की ओर से कोई नाम भेजा गया, लिहाजा इस बार मानद उपाधि किसी को भी नहीं मिल सकेगी।

इससे पहले 2016 में सुप्रीम कोर्ट जज अरुण मिश्रा और 2017 में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी विश्वविद्यालय की मानद उपाधि से विभूषित हो चुके हैं। वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन ने कमेटी के गठन नहीं होने पर विश्व विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे शामिल...

इस बार विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को यहां आ रहे हैं, उनके हाथों यहां गोल्ड मेडल और पीएचडी सहित दूसरे विषयों में महारत हासिल करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। मानद उपाधि ऐसे व्यक्ति को दी जाती है, जिसने किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। जीवाजी विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला मामला होगा, जब दीक्षांत समारोह के दौरान किसी को मानद उपाधि ना दी गई हो।