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हरदा जलस्तर में आई गिरावट, ग्रामीण दूषित पानी पीने को मज​बूर

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Apr 12, 2018

हरदा जिले की सिराली तहसील के ग्राम सावरी में ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। जैसे—जैसे गर्मी के तेवर बढ़ रहे हैं वैसे—वैसे हरदा जिले में जल स्तर लगातार पाताल में जाता जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले के पांच सौ से अधिक हेंडपम्पो ने अप्रैल माह के पहले ही सप्ताह में दम तोड़ दिया। वहीं कई बोरिंग भी सूख चुके हैं।

जिला प्रशासन ने गर्मी में पानी की समस्या से निपटने के लिए कई योजना तैयार की है। लेकिन वे सभी योजनाएं कागजो में ही सिमट कर रह गई इसकी बानगी प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय शाह के गृह ग्राम मकड़ाई से चंद दूरी पर बसे एक गांव में देखने को मिली जहाँ पानी पीने से जानवर भी परहेज कर रहे हैं उस पानी को गांव के कई परिवार पी रहे है यहां एक डाने में बसे करीब 35 परिवार इस दूषित पानी पीने को मजबूर है। जो उन सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

बता दें हरदा जिले की सिराली तहसील के ग्राम सांवरी में जहां 35 परिवार के 125 लोग स्यानी नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर है। वहीं परिवार के लोगों ने कई बार स्थानीय ग्राम पंचायत एवं जनप्रतिनिधियों से पानी की समस्या हल करने को कहा लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया जिस कारण लगभग 125 लोग नदी का गंदा पानी पी रहे हैं 

ग्रामीण जनों ने नदी में लगभग दो फीट चौड़ा एवं दो फीट का गड्डा खोदकर कुंड बना लिया है जिसमें से महिलाएं पहले गंदे पानी को बाहर फेंकती है फिर कुछ देर इंतजार करने के बाद साफ पानी निकालती है जिससे घड़ो में भरकर नदी से लगभग आधा किलोमीटर दूर बसे अपने घरों में  लेकर जाती है।

भले ही कागजों पर अधिकारी समस्याओं से निपटने के लिए बड़े बड़े दावे करते हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। अधिकारी गांवों की समस्या हल करने के लिए गांवों में भ्रमण करने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की सुध लेने तक कोई नहीं आता। उधर विभाग के अधिकारियो का कहना है कि शिक्षा के अभाव में ये लोग नदी का पानी पी रहे हैं। जबकि गांव में नल जल योजना के लिए मोटर लगाई गई है। इन सब तमाम दावों के बाद भी सरकारी महकमें की पोल खुलती नजर आ रही है।