Loading...
अभी-अभी:

सैलाना के पूर्व विधायक और मालवा के गांधी गहलोत का निधन 

image

Aug 3, 2017

रतलाम : सैलाना और मालवा के गांधी कहे जाने वाले कांग्रेस के नेता प्रभुदयाल गहलोत का 92 वर्ष का आयु में बुधवार की रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। निधन के कुछ समय पूर्व ही शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री उनसे आशीर्वाद लेने उनके निवास पहुंचे थे।

सैलाना के गांधी प्रभुदयाल गेहलोत नहीं रहें। भग्गासेलोद का टापरा जैसे छोटे से आदिवासी गांव से 1960-65 में निकलकर समाजशास्त्र और इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर डिग्री, बीएड, एलएलबी और प्राध्यापक के रूप में अध्यापन का विद्वत दायित्वपूर्ण निर्वहन और फिर समय की मांग पर राजनीति में प्रवेश किया। विधानसभा क्रमांक 230 जैसे गेहलोत साहब का पर्याय बन गई।

1967, 1972, 1980, 1985, 1998, 2003, 2008 सात बार जनता ने उन्हें अपना जननायक बनाया। वह दो बार मंत्री भी रहे। सत्ता पक्ष और विपक्ष उनके ज्ञान और व्यक्तित्व के सदैव कायल रहे। उनकी सरलता इतनी थी कि रतलाम से सैलाना बस से सफर में खड़े-खड़े यात्रा कर लेते थे, जब तक कि कोई यात्री उन्हें स्थान देने की स्वयं पहल न कर ले।

1998 में निर्दलीय चुनाव में उन्हें प्रचण्ड समर्थन के साथ सैलाना के गांधी की जनता द्वारा अमर उपाधि प्रदान की गई। वे इसी दौरान देश के श्रेष्ठ नागरिक भी चुने गए। अपने जनसेवा के हजारों  कार्यो और निर्माणों के साथ धोलावाड़ जलाशय(सरोज सरोवर) उनकी वो अमर रचना हैं, जिसने आदिवासी अंचल की तस्वीर बदल दी और रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते आदिवासी भाई-बहनों को बेहतर जिंदगी का रास्ता दिखाया।

रतलाम के गले को तर करने वाला वह यही धोलावाड़ हैं। वे सदैव काम में ईमानदारी के पक्षधर और प्रेरक थे। वे बातों-बातों में सन्देश देते थे कि जिसका जो मूल कार्य हैं उसका समूची क्षमता से निर्वहन ही देशभक्ति हैं। गहलोत सभी दलों में सम्मानीय और समान रूप से लोकप्रिय थे।