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मौसम की करवट से चिंतित हुआ किसान, बढी परेशानियां!

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Feb 8, 2018

रायसेन: किसान के लिए बजट चुनावी लतीफा हैं। आज मौसम ने करवट ली हैं तापमान का स्तर गिरने से किसान चिंतित है, किसान  योजनाए आई पर लाभ शून्य,किसानों ने सरकार को सिर्फ लतीफा सरकार बताया,किसानों का कहना हैं आज किसान बेबस हो गया तो कल भूखमरी से जुड़ेगा। भावान्तर योजना, डीजल महँगा,कृषि यंत्र महंगे और भाव ना मिलने से किसान परेशान है।

मप्र में रायसेन जिला ऐसा जिला हैं जिसमे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित 4 मप्र सरकार में मंत्री हैं लेकिन किसानो का दर्द कोई सूनने को तैयार नहीं, भारत सरकार के बजट में किसान 2022 तक कृषि से दोगुनी लाभ कमाएगा लेकिन जमीनी हकीकत पर किसान अपने आप को सरकार से ठगा महसूस कर रहा हैं। किसानो ने आने बाली रवि फसल से उम्मीद लगायी रखी हैं पर मौसम के बदलने से किसान चिंतित हैं। खेतो में पड़ी मसूर की फसल तैयार हैं पर संकट वारिस का सामने हैं ,गेंहू ,तुवर और चने की फसल अभी पकने की तैयारी में हैं लेकिन किसान इसे कहाँ लेकर जाएगा  वर्ष २०१६- २०१७ में चना 8 हजार से ऊपर विका लेकिन इस वर्ष ३५०० रुपया बिका रहा हैं यह इन सभी कारणों से आज किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।

रायसेन जिले में अभी तक 6 से अधिक किसान मौत को गले लगा चुके हैं और सरकारी योजनाओ के लाभ से किसान वंचित हैं न बीमा की राशी ,न ही ओला तुसार का मुआवजा और न सूखा राहत। उसके बाद भी २०२२ तक किसान दो गुना कमायेगी खेती में इसे किसान चुनावी बजट का लतीफा मान रहें हैं।

यदि किसान पैदा नहीं करेगा तो सरकार भुखमरी से जूझेगी, और सरकार केवल किसानो की सरकार होने का दावा कर रही हैं, किसान अपने आप को संभाल सकता हैं। किसानो की किस्मत में ही मौत और आत्महत्या हैं वहीं मौसम की करबट से किसान की कमर ही टूटेगी। क्रषि विस्तार अधिकारी भी इसे किसान की फसल नुकशान का अंदेशा लगा रहें हैं।

किसान चिंतित है क्योकि पिछले कुछ दिनों से मौसम ने करवट ली है बदल होने से फसल में इल्ली हो रही है और अगर बारिश होती है तो किशानो की चिंता और परेशानी दोनों बढ़ेगी।