Mar 13, 2018
जबलपुर। सिहोरा के खितोला में रहने वाला एक पीड़ित पिता जले हुए नोटों को लेकर कलेक्टर के पास जनसुनवाई में पहुंचा और उनके सामने गुहार लगाई कि अगले माह उसकी बेटी का विवाह है, लिहाजा उनकी मदद की जाए क्योंकि स्टेट बैंक सिहोरा ने जले हुए नोट जिसमें कि बकायदा नंबर दिख रहे हैं, उनको लेने से मना कर दिया है।
कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन..
पीड़ित की शिकायत पर कलेक्टर महैशचंद्र चौधरी ने तुंरत ही लीड़ बैंक प्रबंधक और तहसीलदार सिहोरा को निर्देष दिए कि पीड़ित देव नारायण की मदद की जाए साथ ही कलेक्टर ने ये भी आश्वासन दिया कि बेटी के विवाह के समय आर्थिक मदद की जाएगी।
कैसे जले 80 हजार...
दरअसल सिहोरा तहसील के खितोला बजार में रहने वाले देव नारायण मेहरा पेशे से मिस्त्री का काम करता है, कुछ दिन पहले अचानक ही शार्ट सर्किट के चलते उसके घर में आग लग गई थी जिसके चलते घर की गृहस्थी सहित विवाह के लिए एकत्रित किए गए करीब अस्सी हजार रु.जल गए इतना ही नहीं आग से घर में रखी पूरी गृहस्थी भी जलकर खाक हो गई।
पीड़ित देव नारायण सिंह ने बताया कर्ज लेकर उसने अपनी बेटी के विवाह के लिए पैसे लाए थे, पर घर पर आग लगने के चलते पूरे पैसे जल गए। अचानक से आई विपदा के बाद अब जबकि देव नारायण के पास छत भी नहीं है, तो ऐसे में लड़के वालों ने उसकी बेटी से विवाह करने में आनाकानी शुरु कर दी है।
स्टेट बैंक सिहोरा को भी कलेक्टर ने दिया नोटिस...
इधर पीड़ित के हाथों में जले नोट और आँखों मे आंसू देखकर कलेक्टर ने अपनी संवेदना उसके सामने रखते हुए उसे हर मदद का भरोसा दिलाया है, साथ ही आश्वासन दिया है, कि उसकी बेटी के विवाह के समय हर भरसक मदद जिला प्रशासन की तरफ से की जाएगी।
स्टेट बैंक सिहोरा को भी कलेक्टर ने नोटिस देकर जवाब मांगा है कि आखिर कारण बताए जाएं कि जब नोटों में नंबर दिख रहा है, तो फिर देव नारायण के नोट वापस क्यों नहीं लिए जा रहे हैं।