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अवैध ब्लास्टिंग के धमाको से थर्रराया वन ग्राम

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Jan 29, 2018

डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी में यूं तो विकास बड़ी तेजी से हो रहा है लेकिन इसमें पारदर्शिता कितनी है इस विडियो को देखकर साफ़ समझी जा सकती है। आप को बता दें की डिंडौरी जिला नक्सल प्रभावित जिला है। जहां के करंजिया और समनापुर थाना क्षेत्र के कुछ गांव संवेदनशील गांव है। वहीं जंगली क्षेत्र होने के चलते जंगली जीवों की भी भरमार है। लेकिन समनापुर थाना क्षेत्र के मनोरी से उसरीघुण्डी के बीच बनने वाले पुल निर्माण के लिए ठेकेदार ने सारे नियमों को दरकिनार कर पिछले १५ दिनों से अवैध ब्लास्टिंग कर पूरे वन ग्राम हिला कर रख दिया है। अवैध ब्लास्टिंग के धमाको से न सिर्फ वन ग्रामों के ग्रामीण सखते में है बल्कि पालतू के साथ जंगली जीवो पर भी संकट मंडरा रहा है। पूरा मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का है जिसके तहत बनाई जा रही पुल की लागत एक करोड़ ५९ लाख रु है जिसे शानू सिंह एंड कंपनी शहडोल है । वहीं मामले की जानकारी के बाद जिला के कलेक्टर अमित तोमर ने जाँच कर कार्यवाही की बात कही है। गोरतलब है कि समनापुर थाना के अमरपुर चौकी का ग्राम मनोरी जहां डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत का पुल तैयार किया जाना है। लेकिन पुल निर्माण का बोर्ड खाली लगा है, बस लिखा हुआ है की पुल का निर्माण, प्रगति पर जरा धीरे चले। वहीं ग्रामीणों की माने तो जब से पुल का काम शुरू हुआ है तब से रोज गाव और जंगल में धमाको की आवाज के साथ पत्थरो की बौछार हो रही है। पुल निर्माण में बारूद लगाकर चट्टानों को तोडा जा रहा है लेकिन इसके लिए जिला कलेक्ट्रेट के विस्फोटक शाखा से अनुमति अब तक नहीं ली गई है। पूरा जंगल और जंगली जीव इस धमाके से थर्राए हुए है। जहां एक ओर ब्लास्टिंग के लिए ठेकेदार ने परमिशन अब तक नहीं ली है तो वही दूसरी तरफ कम मजदूरी में काम कराये जा रहे मजदूरों का बीमा भी नहीं कराया गया है। मजदूरों और गांव वालो की माने तो जब ब्लास्टिंग होती है तब उस क्षेत्र से उन्हें बहुत दूर भागना पड़ता है। वहीं इस मामले में गांव के ही सहमत लाल यादव का कहना है की जब ब्लास्टिंग होती है तो उसे अपने मवेशियों को दूसरी जगह ले जाना पड़ता है। वही धमाको से डर भी बना रहता है। पुल निर्माण में काम कर रही महरिन बाई का कहना है की उसे काम की मजदूरी १२० रु मिल रही है जो बहुत कम है। काम के दौरान उसका बीमा भी नहीं कराया गया है। वहीं गांव के अन्य ग्रामीणों लियाकत और मुजम्मिल की माने तो अवैध ब्लास्टिंग से ग्रामीणों और जंगली जीवो में भय का महौल है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर डिंडौरी मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधिकारियो का कहना है की पुल अमरपुर विकासखंड के मनोरी से उसरी घुण्डी के बीच पुल बन रहा है। जिसकी लागत एक करोड़ ५९ लाख रु है जिसे 18 माह में पूरा करना है। ठेकेदार शानू सिंह एंड कंपनी शहडोल है, ब्लास्टिंग के लिए आवेदन कलेक्टर साहब को दिया गया है। वहीं कलेक्टर का कहना है की ये प्रकरण संज्ञान में आया है इसमें तहसीलदार को निर्देशित कर रहे है की मौके पर जाएं और देखे की निर्माण कार्य किसके द्वारा किया जा रहा है । और वह जो विस्फोट कर रहे है उसकी अनुमति है या नहीं और नहीं है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है की अनुमति अब तक नहीं मिली है तो धमाके किसकी सहमति से किये जा रहे है। अब देखना यह है कि इन अवैध धमाकों पर सरकार ठेकेदारों पर कार्यवाही कब करती है।