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डॉक्टर की लापरवाही से मासूम बच्ची जूझ रही जिन्दगी और मौत के बीच, जांच में जुटी पुलिस

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Sep 28, 2018

संदीप मिश्रा  -  वैसे तो डॉक्टर भगवान का रूप माना जाता है लेकिन यही डॉक्टर जान का दुश्मन बन जाए तो आप क्या कहेंगे। यह ताजा मामला इंदौर का है जहां सामान्य पथरी के ऑपरेशन को सरकारी डॉक्टर ने ऐसा बिगाड़ा की मासूम बच्ची जीवन और मौत के बीच झूल रही है, पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत डीआईजी को कर दी है। अब पुलिस ने जाँच के लिए शासकीय डॉक्टरों की तीन सदस्यीय पैनल गठित की है 

पथरी के ऑपरेशन के बाद बिगड़ी तबियत

दरअसल तस्वीरों में दिखाई दे रही इस मासूम का नाम दिव्या अग्रवाल है। दिव्या को पथरी के कारण मई में पेट दर्द हुआ था जिसके बाद परिवार ने एमवाय हॉस्पिटल के डॉक्टर आरिफ़ अहमद अंसारी  को दिखाया, डॉक्टर ने दिव्या का इलाज एमवाय के बजाए मेडिकेयर हॉस्पिटल में करवाने की बात कही, बच्ची का ऑपरेशन 31 मई को किया गया। डॉक्टर ने ऑपरेशन को सफल बताते हुए पथरी के साथ वेस्टेज आर्गन भी निकाल देने की बात कही, लेकिन तीन दिन बाद बच्ची की तबियत बिगड़ गई, परिवार द्वारा पूछने पर डॉक्टर इसे दवाइयों का असर बताता और मामले को टालते हुए मरीज को घर ले जाने की सलाह देता रहा।

सोनोग्राफी के बाद सामने आई डॉ. की लापरवाही

बच्ची की तबियत दिनों-दिन बिगड़ती रही परिवार ने एक बार फिर एक्सरे और सोनोग्राफी करवाई। रिपोर्ट आते ही डॉक्टर आरिफ अहमद अंसारी ने परिजनों को अपने नर्सिंग होम बुलवाया और उन्हें धमकाते हुए बच्ची को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जा जाने की बात कही। लेकिन परिवार ने इंदौर के डॉ. विनीत गौतम को दिखाया जिसमे डॉ अंसारी की कारस्तानी सामने आई और पता पड़ा कि बच्ची के लिवर में 4 क्लिप ही गलत लगे है जिनसे एसिड बन रहा है। 

परिजनों को पुलिस के न्याय का इंतजार

इन चार माह में डॉक्टर की गलती के कारण परिवार के लाखों रुपए लग गए है, वही बच्ची का बजन 30 किलो हो गया, वही अब भी बच्ची जिंदगी और मौत से जूझ रही है, हालांकि अब देखना होगा कि पुलिस कार्रवाई में मासूम को न्याय कब तक मिल पाता है।