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कमलनाथ, सिंधिया और भूरिया को हराने की रणनीति पर काम कर रही भाजपा

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Sep 2, 2017

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अजेय दिग्गज कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांतिलाल भूरिया का 2019 में होने वाले लोकसभा उपचुनाव में पटखनी देने की रणनीति तैयार करने में भाजपा जुट गई है और इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार में भाजपा के रणनीतिकार स्वास्थ्य मंत्री स्वतंत्रदेवा सिंह यहां गहन विचार मंथन के बाद दो दिन बाद आज दिल्ली लौट गए हैं। प्रदेश में भाजपा का बेहद मजबूत संगठन होने के बाद भी कांग्रेस नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांतिलाल भूरिया की सीटों पर भाजपा क्यों हार जाती है, इसका गणित समझने ही पार्टी ने लखनउ से सिंह को कल भोपाल भेजा था। 

उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत संगठन नेताओं से तीनों सीटों को लेकर लंबा मंथन किया। अमित शाह ने इस बार मिशन 2019 में भाजपा को सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। शाह ने सालों से कांग्रेस के कब्जे वाली कांग्रेस के दिग्गजों की सीटों पर जीत की रणनीति बनाने का काम स्वतंत्रदेव सिंह को सौंपा है। संघ और विद्यार्थी परिषद से जुड़े सिंह को शाह का करीबी माना जाता है। 

कल शाम विमान से भोपाल आए स्वतंत्रदेव सिंह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के निवास पर संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत संगठन नेताओं से चर्चा की। चर्चा में छिंदवाड़ा और गुना-शिवपुरी क्षेत्र के नेताओं को भी बुलाया गया था। 

सूत्रों की माने तो स्वतंत्रदेव सिंह ने इन क्षेत्रों का जातिगत गणित भी समझा। उन्होंने पिछले चार चुनावों में भाजपा ने किस तरह इन सीटों पर काम किया इसकी भी जानकारी ली। इसके बाद वे प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री  के साथ सीएम हाऊस गए और सीएम शिवराज सिंह से चर्चा की। रात्रि विश्राम प्रदेश भाजपा कार्यालय में करने के बाद वे सुबह विमान से दिल्ली रवाना हो गए।

गौरतलब है कि कांग्रेस के दो चेहरे तो ऐसे हैं, जो किसी भी तगड़ी से तगड़ी विपरीत लहर में अपनी सीट नहीं गवांते। इनमें छिन्दवाड़ा के कमलनाथ और गुना—शिवपुरी सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, जबकि भूरिया भी अपनी सीट पर मजबूत है, लेकिन वह दो बार चुनाव हार भी चुके हैं। हालाकि पिछली जोरदार मोदी लहर में वह भाजपा को पछाड़ चुके हैं। 

उधर कांग्रेस ने स्वतंत्रदेव सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि जो 2012 के विधानसभा चुनाव में अपनी ही जमानत नहीं बचा सका हो, वह कांग्रेस दिग्गजों का सामना कौन सी शक्ति के बल पर करेगा। 

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा कि अमित शाह से नजदीकियों के बिहार के प्रभारी बन गए थे, पर वहां भी भाजपा को मात मिली थी। उन्होंने कहा कि वे 2017 में चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके थे, वह अब कांग्रेसी दिग्गजों के मामले में रणनीति बनाने की बात कर रहा है।