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पचमढ़ी में कांग्रेस का 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू: संगठन मजबूती पर जोर, BJP पर निशाना

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Nov 2, 2025

पचमढ़ी में कांग्रेस का 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू: संगठन मजबूती पर जोर, BJP पर निशाना

 मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में रविवार (2 नवंबर 2025) से कांग्रेस पार्टी का 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है। इस आवासीय शिविर में प्रदेश के 71 जिलाध्यक्ष भाग ले रहे हैं। उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना और आगामी चुनावों की रणनीति तैयार करना है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे दिग्गजों के संभावित शामिल होने से शिविर को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शिविर का उद्देश्य: जिलाध्यक्षों को सशक्त बनाना

शिविर के दौरान संगठन की कार्यप्रणाली, बूथ प्रबंधन, कैडर बिल्डिंग और चुनावी रणनीति पर फोकस होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि SIR (शराब, इंदिरा, राम) जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। नए जिलाध्यक्षों को पार्टी की नीतियां, विचारधारा और युवाओं को नशे से बचाने की रणनीति सिखाई जाएगी। पहले दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की टीम, पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार उपस्थित रहे। राहुल गांधी, खड़गे, पवन खेड़ा, केसी वेणुगोपाल और सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेता ट्रेनिंग सत्र संचालित करेंगे। एमपीटीसी होटल हाइलैंड में आयोजित यह शिविर 11 नवंबर तक चलेगा।

BJP को घेरने की रणनीति: महामंथन का लक्ष्य

पटवारी के अनुसार, संगठन सृजन अभियान के बाद यह ट्रेनिंग जिला अध्यक्षों को BJP के खिलाफ जमीनी स्तर पर लड़ने की तैयारी कराएगी। सोशल मीडिया, AI का उपयोग और फेक न्यूज से निपटने पर विशेष सत्र होंगे। पार्टी ने 1000 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की योजना बनाई है, जिससे ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर मजबूती आएगी। यह शिविर कांग्रेस को आंतरिक कलह से उबारने का प्रयास माना जा रहा है।

BJP का तंज: 'कांग्रेस के पास न संगठन, न नीति'

राज्यसभा सांसद माया नारोलिया ने शिविर को 'प्रपंच' करार दिया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पास न संगठन है, न नीति-नीति, न निष्ठा। BJP की नकल कर यह दिखावा कर रही है।" नारोलिया ने आरोप लगाया कि आंतरिक विवादों से शिविर असफल होगा, जहां एक मंच पर कांग्रेसी लड़ाई-झगड़े करेंगे। उन्होंने कहा, "प्रशिक्षण कितना सफल होगा, समय बताएगा।"

सफलता का इंतजार: आने वाला समय तय करेगा

यह शिविर कांग्रेस के पुनरुद्धार का संकेत देता है, लेकिन आलोचनाओं के बीच इसकी सफलता पर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी आशावादी है कि इससे 2028 विधानसभा चुनावों में मजबूत वापसी होगी।

Report By:
Monika