Nov 14, 2025
पन्ना का हीरा अब विश्व स्तर पर चमकेगा: मिला प्रतिष्ठित GI टैग
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले को आज ऐतिहासिक सफलता मिली है। वर्षों की प्रतीक्षा के बाद पन्ना की खानों से निकलने वाले अनोखे हीरों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग प्रदान कर दिया गया है। यह टैग पन्ना हीरों की विशिष्ट गुणवत्ता, उत्पत्ति और पारंपरिक खनन विधियों की वैश्विक मान्यता सुनिश्चित करता है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन हीरों की मांग और मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
GI टैग की प्रक्रिया और पंजीकरण स्थिति
पन्ना हीरों के लिए GI टैग की औपचारिक प्रक्रिया नवंबर 2025 तक पूरी हो चुकी है। यह टैग चेन्नई स्थित जियोग्राफिकल इंडिकेशंस रजिस्ट्री द्वारा जारी किया गया है। अब पन्ना से निकले हर हीरे पर यह प्रमाणिक चिह्न लगेगा, जो इसकी प्रामाणिकता की गारंटी देगा। इससे नकली हीरों की समस्या पर अंकुश लगेगा और खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा।
स्थानीय व्यापारियों और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
इस उपलब्धि से पन्ना जिले के हजारों खनिक, कारीगर और व्यापारी सीधे लाभान्वित होंगे। हीरा उद्योग से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि होगी, साथ ही पर्यटन और संबंधित व्यवसायों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय निर्यातकों के लिए पन्ना हीरे अब एक ब्रांड बन जाएंगे, जो वैश्विक ज्वेलरी मार्केट में भारतीय हीरों की श्रेष्ठता को और मजबूत करेगा।
भविष्य की संभावनाएं
GI टैग के साथ पन्ना हीरे अब दक्षिण अफ्रीका और रूस जैसे प्रमुख उत्पादकों से मुकाबला करेंगे। यह कदम 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।







