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जबलपुर सांसद राकेश सिंह बने मप्र भाजपा के नए अध्यक्ष

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Apr 18, 2018

भोपाल। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ का महाकौशल में प्रभाव कम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में जबलपुर से तीन बार के सांसद राकेश सिंह को अपना अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इससे पहले पूर्व प्रत्याशित घटनाक्रम के तहत कल शाम अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि अध्यक्ष रहते हुए पिछले तीन—साढ़े तीन साल अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे, तो सवाल अब यह उठता है कि यही समस्या क्या सांसद राकेश सिंह के सामने उपस्थित नहीं होगी। खैर, सिंह के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव अभियान समिति का संयोजक बनाया गया है।

राकेश सिंह की ताजपोशी प्रदेश में बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। भाजपा राज्य के मालवांचल की तरह महाकौशल में भी अपनी पेठ बनाना चाहती है और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का वहां प्रभाव कम करना चाहती है। राकेश सिंह की मजबूत जातीय और क्षेत्रीय पकड़ इसमें पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकती है। केन्द्रीय नेतृत्व ने पूर्व से ही राकेश सिंह का नाम तय कर लिया था। राकेश सिंह पिछड़े वर्ग से आते हैं और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी इसी तबके से वास्ता रखते हैं।

मध्यप्रदेश में अध्यक्ष के लिए राकेश सिंह के अलावा कैलाश विजयवर्गीय, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह के नाम पर चर्चा हो रही थी।

पार्टी ​के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नामों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगे बढ़ा रहे थे, उन्हें दिल्ली से हरी झंडी नहीं मिल पा रही थी। बाद में बीच का रास्ता निकालने के लिए राकेश सिंह के नाम को आगे बढ़ाया गया।

तोमर को मध्यप्रदेश चुनाव अभियान समिति का संयोजक बनाया गया है। इसके साथ ही नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य और फग्गन सिंह कुलस्ते सह संयोजक बनाए गए हैं। प्रदेश में चौथी बार सत्ता वापसी के लिए बीजेपी हाईकमान ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर चुनावी दौर में भरोसा जताया है। 

इससे पहले 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा हाईकमान मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश की कमान सौंप चुका था। इस बार नजारा बदला हुआ है, लेकिन शतरंज की बिसात के सारे मोहरे एक बार फिर शिवराज-तोमर की जोड़ी के हाथों में हैं। 

गौरतलब है कि लंबी आपाधापी के बाद भाजपा हाईकमान ने भाजपा के प्रदेश चुनाव अभियान समिति के संयोजक की जिम्मेदारी केंद्रीय संगठन ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपी है। इस समिति में तोमर के अलावा तीन अन्य सह संयोजक भी बनाए हैं। 

पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे चल रहे मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को चुनाव अभियान समिति के सह संयोजक का दायित्व सौंपकर संतुष्ट करने का प्रयास किया है। ताकि सवर्ण समाज के लोग पार्टी की मुख्यधारा में बने रहें। जातीय संतुलन के इसी खेल में पार्टी ने मंडला के सांसद और मोदी मंत्रिमंडल से मुक्त किए गए केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति वर्ग के चेहरे मध्यप्रदेश के मंत्री लाल सिंह आर्य को भी सह संयोजक बनाया है।

राकेश सिंह की पार्टी में पहचान अच्छे कैंपेनर की है। वह छात्र राजनीति से सक्रिय हैं। जबलपुर सांइस कालेज में प्रहलाद पटेल के अगुवाई में राकेश सिंह की छात्र राजनीति शुरू हुई थी।

भीकनगांव के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नंदकुमार सिंह ने पहले भी चार बार फोन पर यह इच्छा जताई थी कि वह पद से हटना चाहते हैं। वह अपने संसदीय क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर वह काफी व्यस्त रहते हैं और अपने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा समय नहीं दे पा रहे है। इसलिए वे हटना चाहते है।

नंदकुमार सिंह चौहान पहली बार 16 अगस्त 2014 को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत हुए थे। वह 4 जनवरी 2016 तक रहे। इसके बाद फिर से वह चुने गए। उनका कार्यकाल 4 जनवरी 2019 को पूरा होना था, लेकिन एक साल पहले ही उन्हें पद से हटना पड़ा।

मालवांचल का प्रतिनिधित्व कर रहे नंदकुमार चौहान को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश की सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें 65 सीटें मालवा और निमाड़ से आती हैं। फिलहाल यहां पर भाजपा के विधायकों का दबदबा है, लेकिन प्रदेश संगठन और सरकार में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व कमजोर हुआ है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पहले दो दिल्ली यात्रा के दौरान ही महाकौशल क्षेत्र से जुड़े राकेश सिंह का नाम तय हो गया था। चौहान ने दिल्ली में अमित शाह और रामलाल से चर्चा की थी। कल रामलाल ने भोपाल आकर कोर कमेटी के सदस्यों से इस नाम पर औपचारिक मुहर लगवा ली। अध्यक्ष बनने के बाद राकेश सिंह आज दोपहर साढे बारह बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुुंचे। यहां उन्होंने संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री अतुल राय समेत कई नेताओं से मुलाकात की। महाकौशल को दायित्व देने के लिए पार्टी में लंबे समय से कवायद चल रही थी।

लगभग एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री चौहान ने भाजपा संसदीय दल के संयोजक राकेश सिंह के निवास पर सांसदों की बैठक बुलाकर इस बात के संकेत दे दिए थे कि राकेश सिंह को जल्द ही अहम् जिम्मेदारी दी जा रही है। गौरतलब है कि दिल्ली में राकेश सिंह के निवास पर योजनाबद्ध तरीके से बुलाई गई बैठक में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसदों को बुलाया गया था।

जानकारों का मानना है कि प्रदेश में चौथी बार सत्ता वापसी भाजपा के लिए कठिन डगर है। इसीलिए पार्टी हाईकमान राजनीतिक निर्णय लेने में फूक-फूककर कदम रख रही हैं। जातीय संतुलन के साथ पार्टी क्षेत्रीय संतुलन को भी तवज्जो दे रही है, यही कारण रहा कि प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ चुनाव अभियान समिति के चयन में इस बात का ख्याल रखा गया है। 

गौरतलब है कि राकेश सिंह महाकोशल क्षेत्र से आते हैं, जो बुंदेलखंड क्षेत्र को भी प्रभावित करता है। दोनों क्षेत्रों में विधानसभा की कुल 66 सीटें हैं। वहीं विंध्य में 30 सीटें हैं, जहां से फग्गन सिंह कुलस्ते महाकौशल के होने के बावजूद आदिवासी क्षेत्र में अपना प्रभाव रखते हैं, जबकि मध्य क्षेत्र में 35 सीटें और ग्वालियर-चंबल में 34 सीटें पर अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के मंत्री लाल सिंह आर्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ अपनी भूमिका अदा करेंगे।