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मदद के नाम पर बदमाश ने दिया झांसा, एटीएम से निकाले डेढ़ लाख रूपए!

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Feb 15, 2018

इंदौर। कहते है कि अपराधी का कोई ईमान धर्म नहीं होता और उनमे मानवीयता भी नहीं होती। आपको बता दें कि ऐसे ही एक अपराधी का एक मामला सामने आया है, अपनी बेटी के इलाज के लिए एटीएम से रूपये निकालने गए शिक्षक को एक बदमाश ने मदद के नाम पर झांसा दे दिया और उसका एटीएम लेकर उसे दूसरा एटीएम देकर निकल गया। इसके बाद बदमाश ने एटीएम से विड्राल कर और दूसरे खातो में रूपये ट्रान्सफर कर डेढ़ लाख से अधिक रूपये निकाल लिये। बड़ी बात यह है कि पुलिस ने शिकायत तक दर्ज नहीं की। 
  
स्पष्ट है कि जैसे जैसे तकनी​क का जमाना बढ़ता जा रहा है और भारत डिजिटल होता जा रहा है वहीं जो लोग तकनीकि तौर पर मजबूत नहीं है, वे आये दिन ठगी के शिकार हो जाते है। झाबुआ के रहने वाले शर्करी शिक्षक पूंजालाल वसुनिया की बेटी को हार्ट के वोल्व का ऑपरेशन करवाने के लिए चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया था। 26 जनवरी को वह बेटी के इलाज के लिए अस्पताल में जमा करवाने के लिए रूपये निकालने अस्पताल के बाहर ही स्थित एटीएम गया था। वहां कार्ड लगाने के बावजूद एटीएम से रूपये नही निकलने पर पीछे खड़े बदमाश ने उनसे मदद करने की बात कहकर उनका एटीएम कार्ड लिया और उसे मशीन में लगाकर उनसे पासवर्ड डालने को कहा। पासवर्ड डालने पर भी रूपये नहीं निकले तो बदमाश उन्हें एटीएम कार्ड देकर चला गया। लेकिन उसने पूंजालाल का एटीएम कार्ड रख लिया और किसी अन्य का कार्ड देकर चला गया।

इसके बाद बदमाश के पास पूंजालाल का कार्ड और पासवर्ड दोनों आ गए और उसने कैश विड्राल करने के साथ ही उनका रुपया अन्य बैंक अकाउंट में ट्रांसफर भी आकर दिया। इस तरह से बदमाश ने उनके बैंक अकाउंट से 1 लाख 54 हजार रूपये निकाल लिए। इसकी जानकारी पूंजीलाल को दो दिन बाद लगी। वह इसकी शिकायत करने राजेन्द्र नगर थाने और भंवरकुआ थाने गए। दोनों ही थानों में उनका आवेदन ले लिया गया, लेकिन कही भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। पुलिस थानों के चक्कर काटकर परेशान होकर सरकारी शिक्षक पूंजालाल डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र को शिकायत करने पहुंचे है। डीआईजी ने मामले की जाँच करने के निर्देश दिए है। साथ ही क्राइम ब्रांच को इस तरह की ठगी करने वाले बदमाशो को पकड़ने की बात कही है।

जैसा कि आप जानते है कि एटीएम की ठगी के मामले आएदिन लगातार सामने आ रहे है।लेकिन पुलिस के हाथ खाली है। थाना स्तर की पुलिस तकनीकी तौर पर इतनी सक्षम नही कि वे इस तरह के बदमाशो को पकड सकें। वही क्राइम ब्रांच मामूली मामलों की जांच में ही लगी हुई है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि पुलिस की खामी से ही इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे है।