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सोहागपुर में दो माह के मासूम को गर्म लोहे से दागा, शरीर में फैला इंफेक्शन

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Mar 13, 2019

इरफान खान : शहर से सटे सोहागपुर के नरवार गांव में पेट फूलने पर दो माह के मासूम को गर्म लोहे से दाग दिया गया। अंधविश्वास के फेर में मासूम को गर्म हाशिए से 100 से ज्यादा बार दागा गया। इसके बाद भी मासूम की हालत में सुधार नहीं हुआ और शरीर में इंफेक्शन फैलने लगा। जिसके बाद परिजन इलाज के लिए मासूम को शहडोल लेकर पहुंचे। जिला अस्पताल में दो माह का मासूम जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। 

100 से ज्यादा बार दागा मासूम को
बता दें कि नरवार के हीरालाल रैदास के दो माह के पुत्र को पेटदर्द की शिकायत थी। लगातार पेट फूलने पर गांव में झाडफ़ूंक करने वाले लोगों ने 100 से ज्यादा बार मासूम को दाग दिया। इसके बाद शिशु की हालत और बिगड़ गई। ग्रामीणों की सलाह के बाद परिजन जिला अस्पताल में मासूम को भर्ती कराया है। डॉक्टरों के अनुसार, हालत नाजुक बनी हुई है। 

दागने की कुप्रथा कई वर्षों पुरानी
आदिवासी अंचलों में अंधविश्वास के फेर में मासूमों को कई दशकों से दागने की कुप्रथा चली आ रही है। दागने से कई मासूमों की मौत भी हो चुकी है। अफसर गांव-गांव पहुंचे तो एक हजार से ज्यादा बच्चे दगे हुए चिहिंत किए गए थे। मामले में तत्कालीन कमिश्नर और कलेक्टर ने टास्क फोर्स बनाई थी। कमिश्नर और कलेक्टर खुद गांव गांव घूमकर चौपाल लगाई थी लेकिन अफसरों के तबादले के बाद टास्क फोर्स भी निष्क्रिय हो गई है। 

सांस लेने में तकलीफ व बीमार होने की स्थिति में मासूमों को दागा

अधिकारियों की गांव- गांव चौपाल लगाने के साथ ही ऐसे परिवार के लोगों से बात करने पर यह बात सामने आई है कि सांस लेने में तकलीफ और बीमार होने की स्थिति में मासूमों को दागा जाता था। कभी लोहे को गर्म करके दागा जाता था तो कभी लकड़ी और चूडिय़ों को गर्म करके दागते थे। अधिकांश जगहों में यह सामने आया कि घर के बड़े बुजुर्ग की अंधविश्वास के चलते दागकर इलाज करते थे। कई मर्तबा परिवार में मां और अन्य लोगों द्वारा विरोध भी किया जाता था फिर भी दाग दिया जाता था। 


दशकों से चली आ रही कुप्रथा, हजारों बच्चे हैं इसका शिकार

आदिवासी अंचलों में अंधविश्वास का कहर कुछ इस कदर हावी है कि बीमार होने की स्थिति में सैकड़ों मासूम दागने की कुप्रथा का शिकार हो चुके हैं। इस बात का खुलासा महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों की रिपोर्ट में हुआ है। अधिकारियों ने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है। 

816 मासूमों को किया चिन्हित
दरअसल गांव- गांव अफसर और कर्मचारियों के घूमने पर 816 मासूम ऐसे मिले हैं, जिन्हे सांस लेने मे तकलीफ और बीमार होने की स्थिति में अंधविश्वास के फेर मे गर्म लोहे से दागकर इलाज किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने गांव-गांव घूमकर ऐसे मासूमों को चिहिंत किया गया, जिन्हे दागा गया है। इसमें आंगनबाड़ी पहुंचने वाले मासूमों की भी स्क्रीनिंग की गई। जहां पर 816 मासूमों को चिहिंत किया गया था।

अंधविश्वास के फेर में मासूमों की जान से खिलवाड़
आदिवासी अंचलों में अंधविश्वास के फेर में मासूमों को बचपन में सामान्य बीमारियों में भी दाग दिया जाता था। लगातार गांवों से इस तरह के मामले सामने आ रहे थे। कई मासूमों को बेरहमी से दागने के बाद मौत तक हो गई थी। अंधविश्वास के इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। गांव- गांव दौरा करते हुए ऐसे परिवार तक पहुंचे और सिस्टम की खामियों को उजागर किया, जिसे अफसरों ने तत्काल संज्ञान में लिया।