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घंटो फर्श पर तडपती रही प्रसूता आखिरकार हॉस्पिटल के गेट पर दिया नवजात को जन्म

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May 20, 2018

प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही लाखो बड़े बड़े दावे करती है और लोगो को हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाए मुहैया कराने का ढोल भी पीटती है परन्तु जमीनी स्तर पर इन स्वास्थ्य सुविधाओ की किस तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही है इसका जीता जागता उदहारण आज पन्ना में देखने को मिला, जिसे देखकर मानवता भी शर्मशार हो गई और एक प्रशूता ने दर्द से कराहते हुई जिला अस्पताल के गेट पर ही नवजात को जन्म दे दिया।  

अस्पताल के गेट पर दिया नवजात को जन्म
जहां एक ओर गर्भवती प्रसूता जिला चिकित्सालय पन्ना में प्रसव करने पहुंची लेकिन स्वास्थ्य कर्मी वहंं नदारद रहे और गर्भवती महिला चक्कर खाकर जिला चिकित्सालय के गेट पर गिर पड़ी और घंटो तड़पती रही लेकिन जिला चिकित्सालय पन्ना के बेशर्म कर्मचारी तमाशबीन बने देखते रहे और अंततः प्रसूता ने हॉस्पिटल के फर्श पर ही नवजात को जन्म दे दिया, मीडिया के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने फर्श पर ही प्रशूता का उपचार किया।

पन्ना जिला चिकित्सालय बना शर्म और बेशर्मी का केंद्र
पन्ना जिला चिकित्सालय शर्म और बेशर्मी का केंद्र बना हुआ है ना तो यहां पर स्वास्थ व्यवस्थायें हैं और ना ही इसकी जिम्मेवारी उठाने वाले कर्मचारी और अधिकारी संवेदनशील है इस पूरे मामले में जब जिले के CMHO  से बात की गई तो उन्होंने बडे ही सरल और तर्क भरा  बयान देते हुए कहा कि हमारी जो व्यवस्थाएं हैं वह सभी सही है और इस महिला के साथ शुरू से लेकर अंत तक हॉस्पिटल के द्वारा सभी व्यवस्था की गई हैं यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह एक समान प्रक्रिया है। 

जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों में नहीं है कोई व्यवस्था
लेकिन सवालिया निशान यह खड़ा होता है कि जब उस गांव से जिला मुख्यालय का देवेन्द्रनगर का उपस्वास्थ केंद्र नजदीक है तो प्रसूता को जिला अस्पताल आने की आवश्यकता क्यों पड़ी। कारण बहुत स्पष्ट है लगातार जो पन्ना जिले की स्वास्थ व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें और समस्याएं सामने निकलकर आती रही हैं वह सीधे तौर पर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की मनमानी को दर्शाती है क्योंकि जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों में कोई भी व्यवस्था नहीं है जिससे ग्रामीण अंचल के लोगों को जिला अस्पताल आना पड़ता है।

पन्ना जिला चिकित्सालय लापरवाही का बना केंद्र बिंदु
पन्ना जिले के अंदर समूचे बुंदेलखंड में अगर देखा जाए तो पन्ना जिला चिकित्सालय सबसे ज्यादा अव्यवस्थाओं और लापरवाही का केंद्र बिंदु बना हुआ है अब इस बात को जिलेवासी अपना  सौभाग्य समझे या दुर्भाग्य, वहीं जिले में देश की दो कद्दावर महिलाएं केबिनेट मंत्री हैं एक प्रभारी मंत्री तो दूसरी क्षेत्र की विधायक हैं लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मामले में सबसे पिछड़ा हुआ जिला है।

अस्पताल पर सवालिया निशान
लगातार एक के बाद एक मामले सामने निकलकर आ रहे है जिसमें जच्चा बच्चा से लेकर दोनों की जान खतरे में आई है और हाल ही में अभी जच्चा बच्चा की मौत स्वास्थ व्यवस्थाओं की लापरवाही के कारण हो गई है लेकिन नेताओं से लेकर अधिकारी तक किसी को इस बात की परवाह नहीं है कि जिला अस्पताल का आखिर कौन जिम्मेदार है आखिर किसके भरोसे है जिला चिकित्सालय।