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अभी-अभी:

जहां पार्टियां एक दूसरे को यूरिया खाद की किल्लत के लिए दोषी ठहरा रहीं है वहीं कालाबाजारी करने वाले कमा रहे हैं मुनाफा

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Dec 27, 2018

अशोक पाटीदार : मध्यप्रदेश में इन दिनों खाद की किल्लत को लेकर चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है वही खाद की किल्लत को लेकर सियासत गर्म है भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को यूरिया खाद की किल्लत के लिए दोषी ठहरा रही है, वहीं यूरिया खाद की किल्लत के बीच भी कुछ खाद कालाबाजारी करने वाले यूरिया खाद की कालाबाजारी कर ऊंचा मुनाफा कमा रहे हैं।

ऐसा ही मामला धार जिले के मनावर से सामने आया है जहां के किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों को लिखित शिकायत में बताया कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व मनावर के खटोड़ इंटर से यूरिया और सुपर खाद खरीदा था यूरिया इन किसानों ने ₹330 प्रति बोरी और सुपर खाद ₹280 प्रति बोरी के हिसाब से खरीदी थी वहीं किसानों को खटोड़ इंटरप्राइजेस ने सुपर खाद के बदले जैविक खाद दे दिया गया वहीं यूरिया खाद की बोरी की सोसायटी में कीमत 266 रुपये 50 पैसे है जिसके कालाबाजारी कर खटोड़ इंटरप्राइजेस से ₹330 प्रति बोरी के हिसाब से बेची जा रही है कि शिकायत के बाद जब मीडिया ने कृषि अधिकारियों से इस बारे में चर्चा करी तो उन्होंने बताया कि किसानों की शिकायत मिली है हमने किसानों की शिकायत के आधार पर खटोड़ इंटरप्राइजेस पर अपना जांच दल भेजा है।

मौके पर खाद के सैंपल भी लिए गए हैं खाद को सैंपल को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है और अब आगे की कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में की जाएगी जब इसमें खाद की किल्लत है तो निजी दुकानों पर इतनी बड़ी मात्रा में खाद कहां से आया यह अपने आप में एक विचार नहीं है वही खाद की किल्लत का फायदा उठाकर कालाबाजारी करने वाले व्यापारी जमकर किसानों को लूट रहे हैं अब किसानों की मजबूरी है क्योंकि सोसायटी ओं में उन्हें उनकी मांग के अनुसार खाद नहीं मिल रहा है जिससे वह मजबूरन कालाबाजारीयो से खाद लेकर अपना काम निकाल रहे हैं यदि इन कालाबाजारीयो के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो किसान आगे भी इस तरीके से लूटते लुट जाएंगे।