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Hathras: आधी रात को भोले बाबा के आश्रम पर पुलिस ने मारा छापा, खाली हाथ लौटी, कहां गए हाथरस कांड के गुनहगार?

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Jul 4, 2024

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई, जिससे पूरे देश में हंगामा मच गया. आखिर यह घटना क्यों हुई, इसे लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं.  इस घटना में पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जबकि बाबा भोले फरार हैं. हालाँकि, उन्होंने एक वकील के माध्यम से एक पत्र जारी करके पहला बयान भी दिया है.  अब मैनपुरी पुलिस ने अचानक आधी रात को सूरजपाल उर्फ ​​भोले बाबा के आश्रम पर छापा मारा। इसी बीच एसपी सिटी, सीओ भोगांव समेत पुलिस टीम आश्रम पहुंच गई.  पुलिस टीम 1 घंटे से ज्यादा समय तक आश्रम के अंदर रही. जब अधिकारी बाहर आए तो उन्होंने कहा, ''हम सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था देखने आए हैं.'' बाबा अन्दर नहीं हैं. बाबा अन्दर नहीं हैं. अंदर 50 से 60 महिला-पुरुष श्रद्धालु हैं, जो आमतौर पर इस आश्रम में आते हैं. 

पुलिस से पूछा गया कि क्या पुलिस हाथरस कांड में चिन्हित आरोपियों से पूछताछ करने गई थी या बाबा से पूछताछ करने?

तब पुलिस ने इस बात को सिरे से नकार दिया था. देर रात मैनपुरी पुलिस की छापेमारी और उनके एक घंटे से ज्यादा समय तक आश्रम में रुकने जैसी बातें कई सवाल खड़े कर रही हैं.

हाथरस में हुए हादसे के बाद से ही बाबा के आश्रम को पुलिस ने घेर लिया है, तो आधी रात को पुलिस कैसी सुरक्षा लेकर आई? पुलिस का मानना ​​था कि आश्रम में महिला श्रद्धालु थीं लेकिन पुलिस टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी. हाथरस कांड में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि बाबा के सुरक्षा गार्ड ने जनता को धक्का देना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई. तो क्या मंगलवार को बाबा की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्ड से पूछताछ करने पहुंची थी या पुलिस टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने पहुंची थी? क्या हाथरस कांड में पहचाने गए बाबा के भक्त आयोजक की तलाश में छापेमारी की गई?

साल 2000 में पुलिस ने बाबा को गिरफ्तार कर लिया

सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा को वर्ष 2000 में आगरा में गिरफ्तार किया गया था.  इस मामले में दिसंबर 2000 में एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने सूरजपाल समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया.  साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया. साकार हरि उर्फ ​​सूरजपाल भोले बाबा की कोई संतान नहीं थी. 

बाबा ने एक लड़की को गोद लिया जो कैंसर से पीड़ित थी.  एक दिन जब वह सुबह अचानक बेहोश हो गईं तो भोले बाबा के अनुयायियों ने कहा कि भोले बाबा उन्हें स्वस्थ कर देंगे.  अचानक कुछ देर बाद उसे होश आया और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.  शव को मल्ला के चबूतरा श्मशान ले जाया गया लेकिन उनके अनुयायी इस बात पर अड़े रहे कि भोले बाबा आएंगे और लड़की को वापस जीवित करेंगे. 

Report By:
Devashish Upadhyay.