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दिल्ली के इन तीन अस्पतालों में होगी सिर्फ कोरोना के मरीजों का इलाज

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Apr 7, 2020

कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि लोकनायक, जीबी पंत व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत होंगे। इन अस्पतालों में भर्ती अन्य रोगों के मरीजों को जीटीबी व निजी अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा। निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों के इलाज का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। वहीं डीडीयू, अंबेडकर व जीटीबी अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों को हटाकर लोकनायक अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। इन अस्पतालों में फिलहाल विभिन्न रोगों से पीड़ित अन्य मरीजों का इलाज होगा।

कमेटी की समीक्षा बैठक

स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली सरकार व अस्पतालों में तैयारियों के लिए गठित कमेटी की समीक्षा बैठक के बाद यह फैसला लिया है। इस फैसले के तहत लोकनायक, जीबी पंत व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 2450 बेड की व्यवस्था की जाएगी। लोकनायक व जीबी पंत ये दोनों अस्पताल एक ही जगह दिल्ली गेट के पास हैं। इन दोनों अस्पतालों को मिलाकर कुल 2000 बेड की व्यवस्था होगी।वहीं ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 450 बेड की व्यवस्था की जाएगी। वहीं जीबी पंत व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती हार्ट, न्यूरो व गैस्ट्रों के गंभीर मरीजों को बीएलके, गंगाराम व अपोलो अस्पातल में स्थानांतरित करने की तैयारी है। लोकनायक अस्पताल से गायनी व पीडियाटिक सेवा भी बंद कर कुछ समय के लिए जीटीबी अस्पताल में स्थानांतरित करने की तैयारी है।वैसे तो अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद होने के बाद वार्ड में मरीज काफी कम भर्ती हैं। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में तो अब ज्यादतर कोरोना और इसके संदिग्ध मरीज ही भर्ती हैं। अन्य बीमारियों से पीड़ित कुछ ही मरीज बचे हैं। जिन्हें निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसी तरह जीबी पंत अस्पताल में सवा सौ मरीज हैं। इस अस्पताल को भी खाली किया जाएगा।

 

10 दिन में तैयारी पूरी करने का निर्देश

अस्पतालों को करीब 10 दिन में तैयारी पूरी करने और कोरोना के लिए आइसीयू तैयार करने का निर्देश है। असल में कोरोना के संक्रामक बीमारी होने के नाते अस्पताल में सेंट्रलाइज एसी का इस्तेमाल नहीं हो सकता। क्योंकि सेंट्रलाइज एसी से संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए आइसीयू में स्प्लिीट व विंडो एसी लगाए जाएंगे।यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने सिफारिश की है कि यदि कोरोना के नए मामले बढ़ जाते हैं और अस्पतालों में प्रतिदिन 100 मरीज भर्ती होने लगें तो हल्के लक्षण वाले करीब 400 लोगों को रखने की व्यवस्था करनी पड़ेगी। इस तरह होटल, धर्मशाला व बैंक्वेट हॉल में 10 हजार बेड की व्यवस्था करने की सिफारिश की गई है।