Jul 24, 2025
ईडी की अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी, यस बैंक लोन मामले में जांच तेज
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े 50 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई 2017-19 के बीच यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपये के कथित लोन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई। सीबीआई की दो एफआईआर और सेबी, एनएचबी, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी संस्थाओं के इनपुट के आधार पर ईडी ने यह कदम उठाया। जांच से वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा होने की उम्मीद है।
ईडी की व्यापक जांच
ईडी ने दिल्ली और मुंबई में रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (आरएएजीए) की 50 कंपनियों और 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की दो एफआईआर के बाद हुई, जिसमें 3,000 करोड़ रुपये के लोन के कथित अवैध डायवर्जन का आरोप है। सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे संस्थानों ने भी ईडी को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे जांच को बल मिला।
लोन घोटाले का खुलासा
ईडी की जांच 2017-19 के दौरान यस बैंक द्वारा दिए गए 3,000 करोड़ रुपये के लोन पर केंद्रित है। आरोप है कि ये लोन शेल कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों को हस्तांतरित किए गए। जांच में पाया गया कि लोन मंजूरी से पहले बैंक के प्रमोटरों को संदिग्ध राशि ट्रांसफर की गई। यह कार्रवाई वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अनियमितताओं पर नजर
ईडी ने लोन मंजूरी प्रक्रिया में कई गंभीर खामियां पाईं, जैसे बैक-डेटेड क्रेडिट अप्रूवल मेमोरेंडम, बिना जांच के निवेश प्रस्ताव, और बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन। रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड में 2017-18 में 3,742 करोड़ से 2018-19 में 8,670 करोड़ रुपये तक कॉर्पोरेट लोन में उछाल भी जांच के दायरे में है। यह कार्रवाई वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने का संदेश देती है।
भविष्य की दिशा
हाल ही में एसबीआई ने अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस को ‘फ्रॉड’ घोषित किया, जिसके बाद यह जांच और तेज हुई। ईडी की यह कार्रवाई वित्तीय अपराधों पर कड़ी नजर रखने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। आने वाले दिनों में जांच से और महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है।