Jun 24, 2025
दिल्ली में 4 से 6 जुलाई तक RSS की प्रांत प्रचारक बैठक, शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर होगा फोकस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वार्षिक प्रांत प्रचारक बैठक 4 से 6 जुलाई 2025 तक दिल्ली के केशवकुंज कार्यालय में आयोजित होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की योजना, प्रशिक्षण वर्गों की समीक्षा और सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की प्रवास रूपरेखा पर चर्चा होगी। देशभर के 11 क्षेत्रों और 46 प्रांतों के प्रचारक इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर विशेष ध्यान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना के 100वें वर्ष को भव्य रूप से मनाने की तैयारी कर रहा है। यह बैठक शताब्दी वर्ष (2025-26) के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगी। 2 अक्टूबर 2025, विजयादशमी से शुरू होने वाले ये कार्यक्रम अगले वर्ष विजयादशमी 2026 तक देशभर में विभिन्न आयोजनों के रूप में मनाए जाएंगे। बैठक में सामाजिक समरसता, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक पुनर्जागरण जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी, ताकि शताब्दी वर्ष एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का रूप ले सके।
प्रशिक्षण वर्गों की समीक्षा और संगठनात्मक समन्वय
मार्च 2025 में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के बाद अप्रैल, मई और जून में आयोजित RSS के प्रशिक्षण वर्गों की गहन समीक्षा इस बैठक का प्रमुख हिस्सा होगी। इन वर्गों के परिणामों और अनुभवों के आधार पर भविष्य की रणनीतियां तय की जाएंगी। साथ ही, संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और आंतरिक समन्वय को बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। RSS के 11 क्षेत्रों और 46 प्रांतों के प्रचारक, सह-प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और सह-क्षेत्र प्रचारक इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति
बैठक में RSS के शीर्ष नेतृत्व का जमावड़ा होगा, जिसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, सी.आर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार और अतुल लिमये शामिल होंगे। अखिल भारतीय कार्य विभाग के प्रमुख, सह-प्रमुख और कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। सरसंघचालक 28 जून को दिल्ली पहुंचेंगे, जिसके बाद बैठक की तैयारियां अंतिम रूप लेंगी। यह बैठक संघ की आगामी रणनीतियों और शताब्दी वर्ष के लिए दिशा-निर्देश तय करने में निर्णायक साबित होगी।
दक्षिण और पूर्वोत्तर में विस्तार की योजना
RSS इस बैठक में दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी शाखाओं और सामाजिक कार्यक्रमों के विस्तार पर विशेष ध्यान देगा। तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हिंदुत्व की जड़ों को मजबूत करने की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही, पूर्वोत्तर में ईसाई मिशनरियों के प्रभाव को संतुलित करने के लिए सामाजिक पहल और शाखा विस्तार पर जोर दिया जाएगा। यह कदम शताब्दी वर्ष को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।