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12 दिनों तक मनाते हैं क्रिसमस का त्योहार, जानें किस दिन क्या करते हैं

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Dec 25, 2018

क्रिसमस का त्योहार न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है हर धर्म के लोग इस दिन को मनाने के लिए उत्सुक रहते हैं भारत में भी बच्चे इस दिन सांता क्लॉज को याद करते हैं स्कूलों में एक दिन पहले ही क्रिसमस मनाया जाता है और बाजारों में भी काफी सजावट रहती है आज हम आपको उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो क्रिसमस का त्योहार एक दिन नहीं बल्कि पूरे 12 दिनों तक मनाते हैं ये लोग ईसाई धर्म की कैथोलिख शाखा के हैं तो चलिए जानते हैं कि इन 12 दिनों को ये लोग कैसे मनाते हैं।

पहला दिन

क्रिसमस का पहला दिन यानी 25 दिसंबर को ये लोग जश्न मनाने की शुरुआत करते हैं इस दिन को ये लोग ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं।

दूसरा दिन

दूसरे दिन को ये लोग बॉक्सिंग डे के रूप में मनाते हैं इस दिन को सेंट स्टीफन के नाम से भी जाना जाता है इन लोगों का मानना है कि सेंट स्टीफन ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने ईसाई धर्म के लिए कुर्बानी दी थी।

तीसरा दिन

तीसरा दिन ईसा मसीह से प्रेरित और उनके दोस्त माने जाने वाले सेंट जॉन को समर्पित होता है।

चौथा दिन

इन दिन को मासूम लोगों की याद में मनाया जाता है जिनकी किंग हीरोद ने ईसा मसीह की तलाश करते वक्त हत्या कर दी थी इस दिन उन लोगों के लिए प्रार्थना की जाती है।

पांचवां दिन

ये दिन चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने वाले सेंट थॉमस को समर्पित होता है उनकी इसी दिन यानी 29 दिसंबर को हत्या कर दी गई थी।

छठा दिन

ये दिन सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर की याद में मनाया जाता है।

सातवां दिन

इस दिन को नए साल से पहले की शाम के रूप में मनाया जाता है पहली बार इस दिन को पोप सिलवेस्टर ने मनाया था ब्रिटेन में इस दिन खेलकूद का आयोजन भी किया जाता है।

आठवां दिन

ये दिन ईसा मसीह की मां मदर मैरी की याद में मनाया जाता है।

नौवां दिन

ये दिन 'सेंट बसिल द ग्रेट' और सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन को समर्पित है जो पहले ईसाई सेंट थे।

दसवां दिन

इस दिन को भी ईसा मसीह की याद में मनाया जात है ईसाई धर्म के लोगों की मान्यता है कि इस दिन उनका नाम रखा गया था।

गयारवां दिन

सेंट एलिजाबेथ अमेरिका की याद में ये दिन मनाया जाता है जो 18वीं और 19वीं सदी अमेरिका की पहली सेंट थीं।

बारहवां दिन

एपीफेनी के नाम से पुकारे जाने वाले इस दिन को अमेरिका के पहले बिशप सेंट जॉन न्यूमन की याद में मनाया जाता है।