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विश्वभर में मशहूर है बरसाना की ‘लड्डू होली’

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Mar 22, 2019

आप सभी जानते ही होंगे कि होली त्यौहार के खत्म होते ही हिन्दू वर्ष का शुभारंभ होता है। इसी के साथ फाल्गुन पूर्णिमा को हिंदू वर्ष का अंतिम दिन कहते हैं। अगले दिन चैत्र प्रतिपदा से नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले होली भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ खेली थी। इस कारण से ब्रज की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध होती है। कहते हैं बरसाना श्रीराधारानी की जन्म भूमि है और यहां की लट्ठमार होली विश्वभर में प्रसिद्ध मानी जाती है। ऐसे में यह फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष नवमी को मनाई जाती है और इस दिन नंदगांव के ग्वाल बाल होली खेलने के लिए राधा रानी के गांव बरसाना जाते हैं और बरसाना के लोग नंदगांव जाते हैं।

लट्ठमार होली से पहले खेली जाती है लड्डू होली

जी के धाम बरसाना में बुधवार को लड्डू होली हुई। बरसाना में हर साल लट्ठमार होली से पहले लड्डू होली होती है। श्रीजी के मंदिर में परम्परागत ढंग से लड्डू होली खेली जाती है। इसमें देश से ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालू होली खेलने आते हैं। बरसाना में इन पुरुषों को होरियारे कहते हैं और इसके अगले दिन फाल्गुन शुक्ल दशमी के दिन बरसाना के हुरियार नंदगांव की हुरियारिनों से होली खेलने उनके यहां पहुंचते हैं। ऐसा मानते हैं कि श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ श्रीराधारानी तथा उनकी सखियों से होली खेलने पहुंचते थे। उसके बाद श्रीराधारानी तथा उनकी सखियां ग्वाल वालों पर डंडे बरसाया करती थीं। ऐसे में वहां पर आज भी इस परंपरा का निर्वहन करते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी महिलाओं में श्री राधारानी की आत्मा बसती है। दूसरी तरफ है यह ‘लड्डू होली’, जिसमें बरसाने की सखियां सखाओं पर लड्डू फैंक कर वार करती हैं। बहुत ही हंसी खुशी और मस्ती के रंग में मनाई जाती है ‘लड्डू होली’।