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नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की होती है पूजा

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Apr 12, 2019

आज नवरात्र का सातवां दिन है और इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। ऐसे में घने अंधकार के समान काला रंग होने के कारण इन्हें कालरात्रि कहा गया और मां कालरात्रि काल और दुखों का अंत करने वाली मानी जाती है। कहते हैं मां कालरात्रि के तीन नेत्र है और तीनों ही गोल है और इनका रूप अत्यंत भयानक है एवं बाल बिखरे हुए हैं। ऐसे में नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा करते है और घने अंधकार के समान काला रंग होने के कारण इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। ऐसे में मां कालरात्रि काल और दुखों का अंत कर देती है और अपने भक्तों को सभी सुखों को प्रदान करती हैं।

ऐसे की जाती है मां कालरात्रि की पूजा

कहते हैं नवरात्रि के सप्तम दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से साधक के समस्त शत्रुओं का नाश होता है। इस दिन हमे माता की पूजा पूर्णतया: नियमानुसार शुद्ध होकर एकाग्र मन से करना चाहिए। इस दिन माता काली को गुड़हल का पुष्प अर्पित करना चाहिए और कलश पूजन करने के उपरांत माता के समक्ष दीपक जलाकर रोली, अक्षत से तिलक कर पूजन करना चाहिए और मां काली का ध्यान कर वंदना श्लोक का उच्चारण करना चाहिए। अब इसके बाद मां का स्त्रोत पाठ करना चाहिए और पाठ समापन के पश्चात माता जो गुड़ का भोग लगा लगाना चाहिए। इसी के साथ किसी ब्राह्मण को गुड़ दान करना चाहिए।