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GANESH CHATURTHI 2024 मध्यप्रदेश के इन 5 शहरों में विराजमान है भगवान गणेश की ये प्रसिध्द मूर्तियाँ

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Sep 6, 2024

GANESH CHATURTHI 2024 देशभर में 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाएगा । भगवान गणेश से हजारों भक्तों की आस्था जुडी हुई है. भक्त अपने सभी शुभकामों की शुरुआत भगवान गणेश को नमन कर के करते हैं। देशभर में भाद्र मास के शुकल पक्ष की चतुर्थी तिथी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भारत के कई कोनों में 10 दिनों तक गणेशोत्सव बड़ी धुमधाम के साथ मनाया जाता है। चलिए जानते है मध्यप्रदेश के 5 प्रसिध्द गणेश मंदिर के बारे में ......

चिंतामण गणेश मंदिर,उज्जैन

 शिप्रा नदी के तट पर बसी उज्जैन नगरी के  ग्राम जावास्या में चिंतामण गणेश का प्रचीन मंदिर स्थित हैं। मंदिर के गर्भगृह में गोरीनंदन तीन रुपों में विराजमान है। पहला चिंतामण , दूसरा इच्छामन और तीसरा सिध्दिविनायक। यहां हजारों भक्त मन्नत मांगने के लिए आते हैं

खजराना गणेश मंदिर, इंदौर

 इंदौर के प्राचीन खजराना गणेश मंदिर के निर्माण की कहानी भी अनोखी है। इस मंदिर से जुड़ी लोगों की अपनी कुछ मान्यता हैं। बताया जाता हैं कि मंदिर के पंडित मंगल भट्ट को सपने में भगवान गणेश के दर्शन हुए थे । भगवान गणेश नें उन्हें मंदिर बनवाने को कहा था । उस समय महारानी अहिल्या बाई का शासन था। जिसके बाद पंडित ने मंदिर बनवाने की बात कही थी. कुछ महीनों बाद महारानी द्वारा मंदिर का निर्माण शुरु करवाया गया. माना जाता हैं खुदाई के दौरान भगवान गणेश की वैसी ही मूर्ति मिली जैसी पंडित को सपने में दिखाई दी जिसके बाद भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया।

प्रसिध्द सिद्धेश्वर गणेश मंदिर, छिंदवाड़ा

 छिंदवाड़ा के तुर्कीखापा-अडवार नदी के तट पर 250 साल पुरानी सिद्धेश्वर गणेश की मूर्ति विराजमान हैं। भगवान गणेश जी की प्रतिमा का मुख पूर्व दिशा की ओर है।

चिंतामण सिध्द गणेशमंदिर, सिहोर

सिहोर का चिंतामण सिध्द गणेश मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की खास बात यह है की सीहोर के चिंतामन गणेश भारत में स्थित चार स्वयंभू मूर्ति में से एक हैं। इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य द्वारा किया गया था।

सुप्तेश्वर गणेश मंदिर , जबलपुर

जबलपुर के रतन नगर स्थित मदन महल में सुप्तेश्वर गणेश विराजित है. जिन्हें भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूजा जाता है, देश भर से भक्त विघ्नहर्ता के दर्शन के लिए यहां आते हैं। गणेश जी की यह प्रतिमाह 100 वर्गफीट क्षेत्र को घेरे हुए है. जो 25 फिट विशालकाय चट्टान पर विराजमान हैं।

 

 

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Swaraj