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क्रिकेटरों के 'डोप' टेस्ट के लिए नहीं माना BCCI

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Oct 28, 2017

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेटर्स द्वारा लगातार ड्रग टेस्ट में शामिल नहीं होने से भारतीय खेल में बड़ा संकट आ सकता है। बता दें कि वैश्विक स्तर के एथलीटों को ड्रग टेस्ट से गुजरना होता है ताकि ये पता चल सके कि वो किसी मादक पदार्थ का सेवन करके तो नहीं खेल रहे हैं क्योंकि इस पदार्थ से उन्हें अत्यधिक ऊर्जा मिलती है। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को निर्देश देने के लिए पूछा है, जिसके अंतर्गत नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) को भारतीय क्रिकेटरों का ड्रग टेस्ट लेने की इजाजत हो।

वाडा ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो नाडा, वाडा के साथ अपनी आधिकारिक मान्यता खो सकती है। ऐसी ही चेतावनी वाडा ने अपने एक पत्र में दी है, जो खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को लिखा गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इसमें साफ कहा गया है कि ये टकराव भारतीय खेलों के लिए संकट पैदा कर कर सकता है। यदि नाडा वाडा के नियमों के मुताबिक नहीं चल पाती है तो यह भारतीय खेलों की डोपिंग के खिलाफ लड़ाई पर प्रभाव पड़ेगा। इससे भारतीय खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय खेलों में भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे भारत के पास अपने एथलीटों के लिए कोई भी वाडा अधीकृत संस्था नहीं बचेगी।

वाडा ने खेल मंत्रालय से “बीसीसीआई के साथ एंटी डोपिंग मुद्दे पर त्वरित सहायता की मांग की है। साथ ही कहा है कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बीसीसीआई एंटी डोपिंग कार्यक्रम लागू करने में नाडा का पूरा सहयोग करे।” वाडा के डायरेक्टर जनरल ने पत्र में कहा, “इस सहयोग के न होने पर भारतीय नाडा की मान्यता खतरे में पड़ सकती है। वाडा का परीक्षण कार्यक्रम पूरी तरह प्रभावी नहीं होगा। हम विषय पर आईसीसी से सहयोग ले रहे हैं। हमें लगता है कि नाडा के एंटी डोपिंग नियमों को पूरा न्यायाधिकार मिलना चाहिए।” गौरतलब है कि वाडा नियम एंटीडोपिंग पॉलिसी का मूल दस्तावेज है जिसमें एक खेल संस्थाओं और विश्व के जन प्राधिकारियों के लिए संबंधित नियम कानून लिखे हैं। ये नियम सबसे पहले 2004 में प्रभाव में आए थे  और एक बार 2009 में भी संशोधित हो चुके हैं।

बता दें कि वाडा के दखल की आवश्यकता तब पड़ी जब वाडा इस वर्ष अप्रैल में ने एंटी डोपिंग कार्यक्रम के तहत नाडा का ऑडिट किया और पाया कि बीसीसीआई नाडा के प्राधिकार को नहीं मानती। साथ ही बीसीसीआई वाडा अधीकृत किसी संस्था द्वारा क्रिकेट में एंटी डोपिंग कार्यक्रम को लागू करने की इजाजत नहीं देती है। माना जाता है कि खेल मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्व खेल सचिव इंजेती श्रीनिवास को इस मामले को बीसीसीआई अधिकारियों के साथ देखने का निर्देश दिया है।