Loading...
अभी-अभी:

रणजी ट्रॉफी एक नवंबर से, प्लेट ग्रुप का किया जायेगा गठन 37 टीमें लेंगी हिस्सा

image

Jul 19, 2018

पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के शामिल होने की वजह से बीसीसीआई को आगामी सत्र में 2017 घरेलू मैचों का कार्यक्रम रखने को बाध्य होना पड़ा जिसके बाद माना जा रहा है कि साजो सामान और उपकरणों को लेकर समस्या हो सकती है रणजी ट्राफी (एक नवंबर से) में इस साल रिकार्ड 37 टीमें हिस्सा लेंगी और प्लेट ग्रुप का गठन किया जाएगा मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, उत्तराखंड और बिहार की टीमों के घरेलू क्रिकेट में शामिल होने के बाद सीनियर पुरुष और महिला से लेकर अंडर 16 स्तर (लडक़े और लड़कियों) के मैचों की संख्या में इजाफा हुआ है एलीट ग्रुप ए एवं बी में प्रत्येक में नौ टीमें होंगी जबकि ग्रुप सी में 10 टीमों को जगह दी जाएगी।

19 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होगा मौच

9 टीमों के प्लेट ग्रुप में अरूणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम और उत्तराखंड को जगह दी जाएगी चारों ग्रुप से शीर्ष दो-दो टीमों को क्वार्टर फाइनल में जगह मिलेगी प्लेट ग्रुप से क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली टीमों को एलीट ग्रुप सी में जगह मिलेगी जबकि एलीट सी ग्रुप की शीर्ष दो टीमों को एलीट ए एवं बी ग्रुप में रखा जाएगा घरेलू कैलेंडर की शुरुआत 13 से 20 अगस्त तक महिला चैलेंजर ट्राफी के साथ होगी पुरुष कैलेंडर की शरुआत 17 अगस्त से नौ सितंबर तक चलने वाली दलीप ट्राफी (गुलाबी गेंद से दिन - रात्रि टूर्नामेंट) के साथ होगी इसके बाद विजय हजारे (राष्ट्रीय एकदिवसीय टूर्नामेंट) टूर्नामेंट का आयोजन 19 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होगा और इस दौरान 160 मैच खेले जाएंगे।

टी 20 चैंपियनशिप में 140 मैच खेले जाएंगे

रणजी ट्राफी एक नवंबर से छह फरवरी तक खेली जाएगी और इस टूर्नामेंट के दौरान भी 160 मैच खेले जाएंगे सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के लिए राष्ट्रीय टी 20 चैंपियनशिप में 140 मैच खेले जाएंगे पुरुष अंडर 23 वर्ग में 2 प्रारूप में 302 मैच (प्रत्येक प्रारूप में 151) खेले जाएंगे जबकि अंडर 19 लडक़ों के वर्ग में दो प्रारूप में 286 मैच (प्रत्येक प्रारूप में 143) होंगे सीनियर महिला सत्र में 295 मैच जबकि अंडर 23 वर्ग में 292 मैच होंगे बीसीसीआई में कई अधिकारी चाहते थे कि पूर्वोत्तर के राज्यों को मजबूत जूनियर कार्यक्रम के जरिए शामिल किया जाए लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के रणजी ट्राफी में शामिल करने को लेकर लोढा सुधारों ने सभी को परेशानी में डाल दिया है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह साजों सामान और उपकरणों को लेकर बुरे सपने की तरह होगा।

सुविधाओं के पुनर्गठन और सुधार की प्रक्रिया जारी

अंपायर और मैच रैफरी जैसे मैच अधिकारियों से हमें अतिरिक्त काम कराना होगा जिन्होंने प्रत्येक दौर के बाद उबरने का समय नहीं मिलेगा उन्हें लगातार यात्रा करनी होगी। फिलहाल बीसीसीआई के पास इस व्यस्त कार्यक्रम की जरूरत के अनुसार पर्याप्त संख्या में मैच अधिकारी (अंपायर, मैच रैफरी, स्कोरर) नहीं हैं इसके अलावा एक अन्य बड़ा मुद्दा पूर्वोत्तर के क्रिकेट मैदान हैं पूर्वोत्तर राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शिलांग में मेघालय के मैदान और दिमापुर (नगालैंड) में एक प्रथम श्रेणी स्तर के मैदान को छोड़ दिया जाए तो अन्य राज्य अपनी सुविधाओं के पुनर्गठन और सुधार की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं साथ ही हमें मौसम और रोशनी को भी ध्यान में रखना होगा।