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चुनाव के बाद नीतीश कुमार को बड़ा झटका, पटना हाईकोर्ट ने बिहार में 65% आरक्षण किया रद्द

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Jun 20, 2024

Patna: आरक्षण पर पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला पटना हाईकोर्ट ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है. इस फैसले से बिहार की नीतीश कुमार सरकार को लोकसभा चुनाव के बाद पहला सबसे बड़ा झटका लगा है. उच्च न्यायालय ने बिहार अधिनियम को रद्द कर दिया, जिसने पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को 65 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की पीठ ने यह फैसला सुनाया.

इस मामले पर पटना हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की?

पटना हाई कोर्ट ने कहा कि आरक्षण की सीमा पहले से तय सीमा से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती. मामला संवैधानिक होने के कारण मामले की आगे सुनवाई होगी. सुनवाई के बाद ही इस मामले में अंतिम फैसला लिया जाएगा. अधिवक्ता गौरव ने बताया कि याचिका पर सुनवाई के बाद पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने माना कि फैसला नियमों के विरुद्ध है. हालांकि, बिहार सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जा सकती है, जहां मामले की सुनवाई होगी. बिहार में जाति सर्वेक्षण कराया गया, जाति गणना नहीं करायी गयी. मामले को राजनीतिक रंग दे दिया गया. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन है.

संवैधानिक पीठ आरक्षण सीमा बढ़ाने पर फैसला करेगी

हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आरक्षण की सीमा बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो संवैधानिक पीठ फैसला करेगी. जिससे साफ है कि मामला सुप्रीम कोर्ट की बेंच के पास जाएगा. जहां बेंच यह तय करेगी कि बिहार सरकार आरक्षण की सीमा बढ़ा सकती है या नहीं. नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले ही आरक्षण की सीमा बढ़ा दी है, इसलिए कहा जा रहा है कि इसका चुनावी फायदा उसे मिलेगा.

पटना हाईकोर्ट के झटके के बाद बिहार सरकार के पास क्या है विकल्प ?

इस मुद्दे पर बिहार में जमकर राजनीति हुई. सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी दुबे ने कहा कि अब बिहार सरकार इस मामले में हाई कोर्ट जा सकती है, जो उनका अधिकार है. लेकिन मूल प्रश्न यह है कि क्या जो आरक्षण बढ़ाया गया वह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के विपरीत था। इंदिरा साहनी मामले में यह निर्णय लिया गया था कि किसी भी स्थिति में तीन श्रेणियों एससी, एसटी और ओबीसी के लिए इसे 50 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता है।

Report By:
Author
ASHI SHARMA