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'हर नागरिक को सरकार के फैसले की आलोचना करने का अधिकार...' सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का फैसला

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Mar 8, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की आलोचना करने वाले व्हाट्सएप स्टेटस के आधार पर एक प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया और कहा कि प्रत्येक नागरिक को सरकार के किसी भी फैसले की आलोचना करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को भी पलट दिया...

कोल्हापुर के हटकनंगल पुलिस स्टेशन में प्रोफेसर जावेद अहमद हजाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। व्हाट्सएप पर लिखा कि 5 अगस्त - काला दिन जम्मू-कश्मीर, 14 अगस्त - हैप्पी इंडिपेंडेंस डे पाकिस्तान।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 5 अगस्त को, जिस दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था, काले दिन के रूप में चिह्नित करना विरोध और दर्द की अभिव्यक्ति है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तान के लोगों को शुभकामनाएं देना एक सद्भावना संकेत है और इसे विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना की भावना पैदा करने वाला नहीं कहा जा सकता है। प्रत्येक नागरिक को दूसरे देशों के नागरिकों को उनके स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देने का अधिकार है।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा- भारत का संविधान अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इस गारंटी के तहत प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित सरकार के हर फैसले की आलोचना करने का अधिकार है। उन्हें यह कहने का अधिकार है कि वह सरकार के किसी भी फैसले से नाखुश हैं....

Report By:
Author
Ankit tiwari