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चंपत राय ने बताया कि अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन किया गया है.

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Jan 15, 2024

मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति को चुना गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसकी पुष्टि की है. चंपत राय ने यह भी बताया कि इस मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम है.

चंपत राय ने बताया कि केदारनाथ में शंकराचार्य और इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस  की मूर्ति अरुण योगीराज ने लगवाई. बता दें कि अयोध्या में मूर्ति निर्माण के दौरान उन्हें 15 दिनों तक मोबाइल फोन से दूर रखा गया था. उनका आदर्श चुना गया है. मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति भगवान राम की है और यह 5 साल पुरानी है।

'मौजूदा मूर्ति भी गर्भगृह में रखी जाएगी'

नई मूर्ति स्थापित होने के बाद क्या होगा रामलला की पुरानी मूर्ति का? चंपत राय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, 'रामलला की वर्तमान मूर्ति भी नए राम मंदिर के गर्भगृह में रखी जाएगी।'

योगीराज ने मूर्तिकार बनने के लिए छोड़ दी अपनी नौकरी

प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के पुत्र, 37 वर्षीय अरुण योगीराज मैसूर महल के मूर्तिकारों के परिवार से हैं। अरुण के पिता ने गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिरों के लिए भी काम किया है। योगीराज, एमबीए, पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। एमबीए की डिग्री लेने के बाद के बाद योगीराज ने एक निजी कंपनी में काम किया था लेकिन मूर्तिकार बनने के लिए 2008 में नौकरी छोड़ दी।

कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री ने दी थी यह जानकारी

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कुछ दिन पहले 'एक्स' पर जानकारी दी थी कि, 'जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन कर लिया गया है. देश के मशहूर मूर्तिकार अमची शान अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी. हालांकि मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बाद में यह ट्वीट अपने अकाउंट से डिलीट कर दिया।

Written By: ASHI SHARMA