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नवरात्र में करें मां कात्यायनी की उपासना, अविवाहित कन्याओं को मिलेगा लाभ!

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Mar 23, 2018

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी अपने भक्तों की हर मुराद पुरी करती हैं। मान्यता है कि अविवाहित कन्याएं अगर मां कात्यायनी देवी की पूजा करती हैं, तो उनके विवाह का योग जल्दी बनता है और योग्य वर की प्राप्ति होती है।

इनका वाहन सिंह है और इनकी चार भुजाएं हैं। यह देवी अमोध फल देने वाली हैं। इनकी उपासना से रोग, शोक और भय नष्ट हो जाते हैं। महिषासुर राक्षस का वध करने के कारण इनका एक नाम महिषासुर मर्दिनी भी है। षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है। मां कात्यायनी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. पौराणिक मान्यता है कि गोपियों ने श्रीकृष्ण को पाने के लिए इनकी पूजा की थी. शादी के बाद वैवाहिक जीवन की अच्छी शुरुआत के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. वृषभ और तुला राशि के लोग मां कात्यायनी की आराधना करें तो संपूर्ण समस्याओं का निवारण हो जाएगा. सभी देवियों में मां कात्यायनी को सबसे फलदायिनी माना जाता है. इनका वाहन सिंह है और इनकी चार भुजाएं हैं,

इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए। इस दिन पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान किया जाता है। देवी की पूजा के पश्चात महादेव और परम पिता की पूजा करनी चाहिए।

पूजा करते समय इस मंत्र का करें जाप :-

चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना ।
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि।।