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उनकी सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित – मुख्यमंत्री योगी

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Jan 25, 2020

लखनऊः शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवध शिल्प ग्राम में तीसरे उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया। इस तीन दिवसीय समारोह के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित नौनिहालों के लिए प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय में स्थापित किए जाने वाले अटल आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित है। 'जिसका कोई नहीं, उसका शासन होगा'। शासन इस भावना से अपने दायित्व के निर्वहन के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।

खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को किय़ा गया पुरस्कृत

इससे पहले राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खेल की विभिन्न स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली पांच महिला खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और नौ पुरुष खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार प्रदान किया। प्रत्येक पुरस्कृत खिलाड़ी को कांस्य प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और 3।11 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर फरवरी 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सरकार के साथ सहमति पत्र (एमओयू) हस्ताक्षरित करने और उसके आधार पर सूबे में निवेश करने वाले प्रदेश के सात उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया।

70 वर्षों की यात्रा पर आत्ममंथन करने का अवसर

इस खास कार्यक्रम में लोगो संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 जनवरी 1950 को उप्र इस नाम से अस्तित्व में आया था। प्रदेश की स्थापना को 70 वर्ष पूरे हुए। यह हम सभी के लिए 70 वर्षों की यात्रा पर आत्ममंथन करने का अवसर है। पूर्ववर्ती सरकारों पर तंज किया कि 68 वर्षों में उप्र के बारे में सोचने की किसी को फुर्सत नहीं थी, क्योंकि उन्हें सूबे की गौरवशाली परंपराओं से कोई सरोकार नहीं था। अतीत को विस्मृत करके कोई समाज या राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता। उप्र को पुण्य और पुरुषार्थ की धरती बताने के साथ उन्होंने यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख किया। कहा कि उप्र स्थापना दिवस मनाने के लिए पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने प्रेरित किया।