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अयोध्या विवाद : मध्‍यस्‍थता समिति 18 जुलाई को सौंपेगी रिपोर्ट, मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई निर्धारित

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Jul 11, 2019

अयोध्या मामले की जल्द सुनवाई की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत ने गुरुवार को सुनवाई की है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने उसके द्वारा मामले में नियुक्‍त मध्‍यस्‍थता समिति से 18 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा है कि अगर मध्यस्थता से कोई समाधान नहीं निकलता है तो हम इस मामले की रोजाना सुनवाई के बारे में सोचेंगे। मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है।

अदालत ने कमेटी को 15 अगस्त तक का दिया समय
दरअसल, हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने मध्यस्थता में कोई ठोस उन्नति न होने की बात कहते हुए अदालत से मुख्य मामले पर त्वरित सुनवाई की मांग की है। उन्‍होंने याचिका में अदालत से मध्‍यस्‍थता आदेश वापस लेने की भी मांग की है। गत सुनवाई में कमेटी ने मध्यस्थता प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की थी। अदालत ने कमेटी को 15 अगस्त तक का समय दिया था।

मध्यस्थता प्रकिया पर उठाए सवाल
सुनवाई के दौरान वकील राजीव धवन ने मध्यस्थता प्रकिया पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की। किन्तु निर्मोही अखाड़ा ने गोपाल सिंह की याचिका का समर्थन किया। निर्मोही अखाड़े की तरफ से कहा गया है कि मध्यस्थता प्रकिया सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है। इससे पहले अखाड़ा मध्यस्थता प्रकिया के समर्थन में था। मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से राजीव धवन ने विरोध किया। उन्‍होंने कहा कि ये मध्यस्थता प्रकिया की आलोचना करने का समय नहीं है।