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रेल सिग्नल-ठेकेदार कंपनी की लापरवाही से हो सकता है बड़ा हादसा

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Aug 8, 2017

बिलासपुर : गतौरा के चौकसे कॉलेज के पीछे ठेकेदार ने दो लाइन के बीच गहरा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता था। इन खबर जैसे ही चॉबीदार की नजर पड़ी तो उन्होंने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इससे हड़कंप मच गया। इसके बाद आनन-फानन में गड्ढे को भरा गया। इस पूरे मामले में सिग्नल विभाग और ठेकेदार कंपनी की लापरवाही उजागर हुई है।

इन दिनों बिलासपुर-गतौरा के बीच चौकसे कॉलेज के पीछे सिग्नल से जुड़ा कार्य चल रहा है। सिग्नल विभाग ने इस काम को कोलकाता की ठेकेदार कंपनी एमआरटी सिग्नल लिमिटेड को सौंपा है। पूरा कार्य सिग्नल विभाग की निगरानी में होना है लेकिन यहां ठेकेदार कंपनी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है।

ठेकेदार ने यहां लाइन के बीच गड्ढा खोदकर खुला छोड़ दिया। संरक्षा में हुई यह चूक रविवार सुबह 10 बजे तब सामने आई जब चॉबीदार लाइन की जांच कर रहा था। सवा मीटर गहरा, दो मीटर लंबे गड्डे को देखकर चॉबीदार भी सकते में आ गया।

उसने इंजीनियरिंग विभाग के पीडब्ल्यूआई को इसकी जानकारी दी। इसके बाद अधिकारी आनन-फानन में सभी मौके पर पहुंचे। उन्होंने इसकी सूचना कंट्रोल को दी। साथ ही आरपीएफ को भी इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद ट्रेनों को कम रफ्तार से गुजारा गया।

हालांकि स्पीड कम करने से पहले इंजीनियरिंग विभाग से वजह पूछी गई। इस पर उन्होंने बिना किसी अनुमति व सूचना के गड्डे खोदने की जानकारी दी। इंजीनियरिंग विभाग की इस एक शिकायत से बिलासपुर रेल मंडल से लेकर जोन कार्यालय में हड़कंप मचा दिया है। इसे संरक्षा में बड़ी लापरवाही बताया जा रहा है।

आधा मीटर गड्डे खोदने का नियम

सिग्नल से जुड़े इस तरह के कार्य को पूरा करने के लिए संरक्षा का विशेष ध्यान रखना है। इसकी अनुमति लेनी है। इसके अलावा आधा मीटर से ज्यादा गड्डा नहीं खोदना है। लेकिन सिग्नल विभाग ने गड्डे की गहराई, लंबाई व चौड़ाई इतनी अधिक कर दिया था कि यह अप व मिडिल दोनों लाइन से जुड़ गया था। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता था।

भड़के जीएम, दिया जांच का आदेश

गड्डे खोदकर उसे नहीं भरने की सूचना जीएम सुनील सिंह सोइन के पास पहुंची तो वे भड़क गए। उन्होंने तत्काल पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया है। यह जिम्मेदारी सीनियर अफसरों को दी गई है। उन्होंने अफसरों की एक टीम भी गठित की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सिग्नल विभाग का मैदानी अमला व अफसरों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

ठेका कंपनी के तीन मजदूर पर कार्रवाई

जांच के दौरान आरपीएफ मौके पर पहुंची। इस दौरान पूछताछ की गई तब पता चला कि सिग्नल विभाग ने कोलकाता की ठेका कंपनी को यहां काम करने पर मनाही किया था। हालांकि स्वीकृत कार्य होने के कारण यहां गड्ढा कर दिया गया।

छानबीन में जिन मजदूरों यहां कार्य किया था उन्हें पकड़ लिया गया। इसके बाद उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 154 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। यह धारा यात्रियों की जान खतरे पर डालने पर लगाई जाती है।

मुझे नहीं मालूमः सीनियर पीआरओ

इस मामले में जब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीनियर पीआरओ संतोष कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने इसकी सूचना नहीं होने की बात कही। पूरी जानकारी दी गई तब उन्होंने पता कर बताने की कही।