Loading...
अभी-अभी:

INTERNATIONAL LABOUR DAY 2024 : कैसे हुई थी श्रमिक दिवस की शुरुआत, जाने इस साल का थीम.

image

May 1, 2024

INTERNATIONAL LABOUR DAY 2024 : कैसे हुई थी श्रमिक दिवस की शुरुआत, जाने इस साल का थीम.

हर साल दुनिया भर में 1 मई को अंतर्रष्टीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है, इस दिवस को मनाने का मकसद श्रमिकों के महत्व और उनके आधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाना है, श्रमिक दिवस को लेबर डे या मजदूर दिवस भी कह जाता है.

जाने श्रमिक दिवस का इतिहास

श्रमिक दिवस मनाने कि परंपरा 137 साल पुरानी है, मजदूर दिवस मनाने के पीछे की वजह अमेरिका में 1886 से शुरु हुआ विरोध-प्रदर्शन है, दरअसल अमेरिका में श्रमिकों ने हड़ताल कर मांग की थी के श्रमिकों को प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक समय तक काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए, इस हड़ताल के दौरान 04 माई 1886 शिकागो के हे-मार्केट में बम विस्फोट हुआ जिसमें कई लोगों की जान गई, धमाके के जवाब में पुलिस ने इलाके में अंधाधुन फायरिंग की जिसमें कई प्रदर्शनकारी मजदूरों की जान गई थी जिसके बाद शहर में दहशत और गुस्से का माहौल बन गया था स्थिती को संभालते हुए प्रशासन ने श्रमिकों की मांगों को स्वीकृति दी थी, मजदूरों के इस संघर्ष और बलिदान को याद करके प्रशासन ने 01 माई को मजदूर दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की थी.

श्रमिक दिवस 2024 का थीम

हर साल अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) मजदूरों के जीवन और उनके अधिकारों और संघर्ष के एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर नई थीम लॉन्च करते है, इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का विषय सामाजिक न्याय और सभी के लिए सभ्य कार्य रखा गया हैं.

क्या है बोरे-बासी और इस के महत्व छत्तीसगढ़ में गर्मी के दिनों में खाने जाने वाला एक व्यंजन है बोरे और बासी, इसे खाने के कई फायदे होते हैं कहा जाता है कि बोरे-बासी के सेवन से डि-हाइड्रेशन और बीपी जैसी समस्या दूर होती है और साथ ही यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, जिस वजह से पड़ने वाली गर्मी और लू का प्रभाव नहीं पड़ता है, मजूदर दिवस यानी आज के दिन बोरे और बासी खाने की परंपरा सदियों पुरानी है, इसके सेवन से ना केवल थकान दूर होती है बल्कि सरे दिन काम करने कि ताकत भी मिलती है, बता दें अमेरिका में हुए एक शोध में पाया गया कि बोरे-बासी खाने से डि-हाइड्रेशन और बीपी कंट्रोल में रहता है, इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जिससे हमारी थकान दूर होती है, छत्तीसगढ़ के अलावा इस व्यंजन को दक्षिण भारत के कई राज्यों में खाया जाता है।

 

Report By:
Author
Swaraj