Loading...
अभी-अभी:

जयारोग्य हॉस्पिटल से 370 ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी, पूरे जिले में 1874 ऑक्सीजन सिलेंडर का घोटाला

image

Mar 17, 2022

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य हॉस्पिटल समेत जिले से 1874 ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होने का मामला समने आया है जिसमें अकेले जयारोग्य अस्पताल से 370 सिलेंडर चोरी हुए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ये ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होने की आशंका जताई जा रही है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी की इस घटना को अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से अंजाम दिए जाने की आशंका है औऱ इसे सोची-समझी साजिश से किया गया बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। वहीं अब ये मामला विधानसभा में उठ गया है।  

आखिर ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी कैसे हो गए ?
विपक्ष के विधायक सरकार से पूछ रहे हैं कि, आखिर ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी कैसे हो गए ? पूरा मामला सिर्फ 341 ऑक्सीजन सिलेंडर का नहीं है बल्कि कोरोना की दूसरी लहर में 1874 ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी हो चुके हैं। इन ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई शिव कंप्रेस्ड एयर प्रोडक्ट ने जयारोग्य अस्पताल ओर प्राइवेट अस्पताल में की थी। 

- 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक जयारोग्य अस्पताल से 935 सिलेंडर गायब हुए।
- 1 अप्रैल 2021 से 1 मार्च 2021 तक स्मार्ट सिटी से 14 सिलेंडर गायब हुए।
- 28 अप्रैल से सीएमएचओ ऑफिस मोती महल से 60 सिलेंडर गायब।
- 11 अप्रैल 2021 को रेड क्रॉस से 20 सिलेंडर गायब हुए।
- बिरला हॉस्पिटल से 108 सिलेंडर गायब हुए।
- सिम्स हॉस्पिटल से 45 सिलेंडर।
- लिंक हॉस्पिटल से 80 सिलेंडर।
ऐसे ही आंकड़ा पूरे जिले में अट्ठारह सौ 74 पहुंच गया है।

सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल से गायब ऑक्सीजन सिलेंडर
ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समेत यह ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे गायब हुए यह फिलहाल पता नहीं चल सका है लेकिन सबसे ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर JAH के सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल से गायब हुए हैं। कोविड के सारे गंभीर पेशेंट यहीं भर्ती किए जाते थे। अब जाकर JAH प्रबंधन को इस मामले में सुध आई है। जिस पर कंपू थाने में लिखित शिकायत की गई है। कंपू थाने में इस मामले में FIR दर्ज हो चुकी है वहीं मामला विधानसभा में पहुंचने के बाद अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गयी है।

JAH से करोड़ों के ऑक्सीजन सिलेंडर गायब
कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन की हुई थी। ऑक्सीजन के लिए हर जगह हाहाकार मचा था। इस समय कई संस्थाओं और लोगों ने JAH में ऑक्सीजन सिलेंडर दान दिए थे पर उन ऑक्सीजन सिलेंडर की निगरानी नहीं रखी गई। ज्यादातर ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग JAH के सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में किया गया था पर धीरे-धीरे यहां से सिलेंडर गायब होना शुरू हो गए। हालंकि अब मामला विधानसभा में गूंज रहा है तो मामले को दोबारा पुलिस ने ओपन कर इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया है।

एक​ ​ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 14 हजार रूपये
ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होने की वजह यह भी है। प्रत्येक डीटाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत करीब 14 हजार होती है। जबकि कोरोना की दूसरी लहर में इसकी कीमत 35 से 40 हजार रूपए तक पहुंच गयी थी। खास बात यह है कि ऑक्सीजन सिलेंडर भारत में ही निर्मित नहीं होते हैं। लिहाजा इनके चोरी हो जाने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। ऐसे में चोरी गए इन सिलेंडर की रिकवरी के लिए शासन द्वारा कलेक्टर को पत्र भी लिखा गया है। अब ऐसे में देखना होगा कब ऑक्सीजन सिलेंडरों के गायब होने के मामले से पर्दा उठता है।