Nov 28, 2016
भोपाल। स्टाम्प की उपलब्धता आम जनता को सुगमता से सही दाम पर हो, इसके लिये सभी जिला पंजीयक और तहसील में पदस्थ उप पंजीयकों को स्टाम्प वेंडरों के स्टाक पंजी की जाँच करने तथा स्टाम्प की वास्तविक उपलब्धता की जानकारी इकट्ठी करने के निर्देश दिये गये हैं। यह निर्देश कुछ जिलों में स्टाम्प के अभाव और मनमाने दामों पर बेचने की शिकायत के संदर्भ में दिये गये हैं। प्रदेश में कुछ जिलों में स्टाम्प का कृत्रिम अभाव कर स्टाम्प वेण्डरों द्वारा मनमाने दामों पर स्टाम्प की बिक्री की खबरें प्राप्त हुई थी। आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये कलेक्टरों को भी स्टाम्पों की काला-बाजारी के संबंध में प्रमाण पाये जाने की स्थिति में स्टाम्प वेण्डरों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा गया है।
महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक शिवशेखर शुक्ला ने कहा है कि आम जनता नॉन-ज्युडिशियल स्टाम्प की आवश्यकता होने पर सेवा-प्रदाता के माध्यम से भी ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि 100 रुपये के ऊपर नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प को ई-स्टाम्प पद्धति से प्रदाय करने की व्यवस्था पहले से ही प्रदेश में लागू है। महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा विधि विभाग से समन्वय कर अतिशीघ्र सभी मूल्यों के ज्युडिशियल स्टाम्प के लिये भी ई-स्टाम्प व्यवस्था निकट भविष्य में शुरू करने की कार्यवाही की जा रही है।
स्टाम्प की उपलब्धता की समस्या न हो और नॉन-ज्युडिशियल व ज्यूडिशियल स्टाम्पों की कमी किसी भी जिले में न हो, इसके लिये भी सभी कोषालय अधिकारियों व उप कोषालय अधिकारियों को समय पर माँग-पत्र महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक को भेजने को कहा गया है। इससे नासिक और हैदराबाद शासकीय प्रेस को स्टाम्प उपलब्ध करवाने के लिये समय पर अनुरोध किया जा सकेगा। यदि किसी भी जिले में स्टाम्प की संभावित माँग का आकलन उचित रूप से नहीं करने के कारण स्टाम्पों की कमी होती है, तो इसके लिये संबधित कोषालय अधिकारी अथवा उप कोषालय अधिकारी को जिम्मेदार माना जायेगा।