Jul 16, 2024
मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव होने है. अमरवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव पूरा हो गया है. अब बुधनी औऱ विजयपुर विधानसभा में उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है. बात करे अमरवाड़ा उपचुनाव की तो यहां पर यह चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक रहा था. यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. आखरी के तीन राउंग तक भी कह पाना मुश्किल हो रहा था की कौन चुनाव जीतने वाला है.
अमरवाड़ा में ऐसा क्या हुआ ?
छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कमलेश शाह 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतते है और विधायक बनते है. कमलेश शाह को कांग्रेस नेता , पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खास लोगो में माना जाता रहा था. छिंदवाड़ा जिले को कमलनाथ के चुनावी गढ़ के रुप में देखते है. लेकिन , कमलेश शाह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में बीजेपी को ज्वाइन कर लिया. ऐसे में वहां पर उपचुनाव होना तय हुआ. इस बार कमलेश शाह को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बना दिया. कांग्रेस ने उपचुनाव में धीरन शा को अपना प्रत्याशी बनाया. नतीजों में खबर लगी की मुकाबला बहुत ही ज्यादा टक्कर का हो गया औऱ आखिर में जाकर बीजेपी के कमलेश शाह , जिन्होने पीछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर 25,000 वोटो से जीता था. वो कमलेश शाह बीजेपी से बड़ी मुश्किल से 3,000 वोटों से जीत पाये. जिस कारण से अब छिंदवाड़ा जिले में भी बाजेपी का विधायक बन गया है. पीछले विधानसभा के चुनावों में छिंदवाड़ा एकमात्र ऐसा जिला था जहां सभी विधायक कांग्रेस के थे. इस बार कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ भी लोसकभा का चुनाव बीजेपी के बंटी विवेक साहू से हार गये थे.
विजयपुर में क्या होगा ?
अमरवाड़ा में तो जैसे-तैसे बीजेपी के कमलेश शाह चुनाव जीत गये. लेकिन , कांग्रेस से बीजेपी में आये विजयपुर से छह बार के विधायक रामनिवास रावक को भी अब उपचुनाव का सामना करना पड़ेगा. पीछला चुनाव रामनिवास रावत 2,149 वोटों से जीते थे. ऐसे में यह चुनाव उनके लिए बहुत बड़ा चैलेंज है. अमरवाड़ा में भी जीत का अंतर इतने कम होने से विजयपुर के रामनिवास रावत को चिंता तो हो सकती है. रावत ने लोकसभा चुनाव को दौरान कांग्रेस को छोड़ दिया था. रामनिवास रावत कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं में आते थे. वो प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके थे.
मंत्री बनने के बाद दिया विधायकी से इस्तीफा
रामनिवास रावत ने कांग्रेस को तो छोड़ दिया था लेकिन , उन्होने अपनी विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया था. ऐसे में जब उन्हे मंत्री बनाया गया उसके बाद ही उन्होने अपनी विधायकी से इस्तीफा दिया. अभी रामनिवास रावत मध्यप्रदेश में बिना विभाग के कैबिनेट मंत्री है. अभी उन्हे अपने विभाग मिलने का भी इंतजार है.