Jan 23, 2017
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की प्रवेश परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग देने के लिए प्रदेश में कोचिंग सेंटर स्थापित किये जायेंगे। प्रदेश में स्थित अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों के क्रीड़ा परिसरों में विशेष खेलों का चिन्हांकन कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण और खेल सामग्री उपलब्ध करवायी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान आज अनुसूचित जाति-जनजाति के मेधावी विद्यार्थियों के लिए आयोजित राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री विदुषी योजना शुरू की जाएगी, जिसमें अनुसूचित जाति-जनजाति की अति पिछड़ी जातियों की 50 बालिकाओं का चयन कक्षा छह से किया जाएगा। इन बालिकाओं को नि:शुल्क उच्च शिक्षा और सारी सुविधाएँ उपलब्ध करवायी जाएगी। वर्ष 2017-18 से राज्य स्तरीय नेतृत्वविकास शिविर में आने वाले मेधावी विद्यार्थियों को भारत दर्शन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो सबसे पिछड़े और गरीब हैं वे राज्य सरकार की प्राथमिकता में सबसे पहले हैं। राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए नि:शुल्क किताबें, छात्रवृत्ति, नि:शुल्क साईकिल, छात्रावास सहित सभी बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध करवायी हैं। इन वर्गों के विद्यार्थियों को कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत अंक लाने पर लेपटॉप तथा महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर स्मार्ट फोन दिए जायेंगे। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से आई.आई.टी., आई.आई.एम, नेशनल लॉ कॉलेज और मेडिकल जैसी परीक्षाओं में चयन होने पर इन वर्गों के विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरेगी।
वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने सभी संसाधन उपलब्ध करवाए हैं। इन वर्गों के विद्यार्थियों में आगे बढ़ने की प्रतिभा और क्षमता है। अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह ने कहा कि इन वर्गों के विद्यार्थियों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व काम हुए हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति के 350 विद्यार्थियों का चयन आई.आई.टी, एन.आई.टी. और आई.आई.एम. जैसी संस्थाओं में हुआ है। राज्य सरकार इन वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है।
मेधावी विद्यार्थी पुरस्कृत
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने मेधावी विद्यार्थियों को रानी दुर्गावती, शंकर शाह एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुरस्कार वितरित किए। विशेष पिछड़ी जातियों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में से तीन को प्रतीक स्वरूप मोबाईल टेब दिया गया। राष्ट्रीय स्तर की क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कराते के खिलाड़ियों अर्जुन सिंह, सोहन सिंह और प्रशांत सिंह का सम्मान मुख्यमंत्री चौहान ने किया। दिल्ली में आगामी गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने जा रहे साहेबसिंह सहारिया औरआरती सिंह का सम्मान भी किया गया।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष की भांति 23 से 29 जनवरी तक नेतृत्व विकास शिविर लगाया जा रहा है। इसमें प्रदेश के सभी जिलों से अनुसूचित जाति, जनजाति और विशेष पिछड़ी जनजाति के कुल 234 मेधावी विद्यार्थी शामिल हैं। शिविर में विभिन्न खेल गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता करने वाले प्रदेश के अनुसूचित जनजाति के 47 उत्कृष्ट खिलाड़ी भी भाग ले रहे हैं। आरंभ में स्वागत भाषण प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति-जनजाति विकास अशोक शाह ने दिया। अंत में आभार प्रदर्शन आयुक्त आदिम जाति विकास दीपाली रस्तोगी ने किया। शिविर में राज्य अनुसूचित जाति विकास आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र आर्य, राज्य कौल विकास अभिकरण के अध्यक्ष बृजलाल कौल और संचालक अनुसूचित जनजाति विकास केदार शर्मा भी उपस्थित थे।