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आखिर क्यों खाने पड़े कलेक्टर प्रसन्ना को जंगली कंद-मूल?

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Oct 26, 2017

धमतरी : कलेक्टर सीआर प्रसन्ना एक बार फिर अलग ही अंदाज में नजर आए। मौका था कमारों के बीच पहुंचकर छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की प्रमुख त्यौहार नवाखाई पर्व मनाने का। वनांचल इलाके के कसपुर गांव के बाहलूपारा में आयोजित एक कार्यक्रम में कलेक्टर ने न सिर्फ कमारों की समस्याएं सुनी, बल्कि उनके द्वारा बनाए गए छत्तीसगढ़ी व्यंजन और जंगली कंदमूल का भी लुफ्त उठाया।

इस दौरान कलेक्टर ने गांव में वर्षों से मांग किए जा रहे पुल-पुलिया सहित कई निर्माण कार्यो की स्वीकृति भी दी। कलेक्टर को अपने बीच पाकर कमार गदगद हो उठे। वहीं खूब आदर सत्कार और खातिरदारी भी की। इस दौरान कमारों ने कलेक्टर को खुमरी सहित तीन कमान भी भेंट किया।

दरअसल कलेक्टर जिला कमार परियोजना के अध्यक्ष है और कमारों के जीवन स्तर उठाने के लिए वे लगातार प्रयास भी कर रहे है। आपको बता दे कि जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर मौजूद ये वही गांव है, जहां सरकारी नुमाइंदे कभी कभार पहुंच गए, तो बड़ी बात हो जाती है।

बताया जाता है कि ये गांव नदी और नालों से घिरा हुआ है। जिसके वजह से बारिश के दिनों में यहां के रहने वाले लोगों के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। वहीं अब कार्यक्रम में पहुंचे कलेक्टर द्वारा पुल-पुलिया निर्माण के घोषणा बाद गांव के लोगों में खुशी का माहौल है।

गौरतलब है कि कलेक्टर सीआर प्रसन्ना पहले भी त्योहारों के मौके पर गेड़ी और बैलगाड़ी चलाकर लोगों के साथ त्योहार की खुशी साझा कर चुके है।