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कैसे होगा कुपोषण दूर, जब नहीं मिल रहा पोषण आहार

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Jul 29, 2017

कोरिया : जिले में इन दिनों आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन में मनमानी की जा रही हैं। इससे साफ हैं कि जिले के आलाधिकारी आंगनबाड़ी केंद्रों में ध्यान नहीं दे रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में खुलने बंद होने का न तो कोई समय निर्धारित हैं और न ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषण आहार मिल पा रहा हैं। जिससे शासन की योजना को पलीता लगता हुआ दिखाई दे रहा हैं। 

जिले के खडगंवा विकासखंड के ग्राम पंचायत बरदर के तिवारीपारा में बीते एक पखवाड़े से रेडी-टू-ईट और लड्डू का वितरण नहीं किया गया। नियमानुसार मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड का वितरण किया जाता हैं, लेकिन जब केंद्र में पैकेट ही नहीं हैं, तो बच्चों को क्या वितरित किया जाता हैं। वहीं खडगंवा विकासखंड के आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बरपारा, बनियापारा में ताला लगा मिला। नियमानुसार आंगनबाड़ी केंद्र 3.30 बजे तक खुलना चाहिए, लेकिन यहां 2.30 बजे ही ताला लटक रहा था। आसपास मौजूद लोगों को केंद्र बंद होने के बारे में जानकारी नहीं थी। कुछ ऐसा ही आलम शिवपुर के झुमरियापारा में स्थित केंद्र में देखने को मिला। इस बारे में महिला संतरा बाई ने बताया कि यहां केंद्र में सहायिका नहीं हैं। एक कार्यकर्ता हैं जो 11 बजे किसी मीटिंग में शामिल होने चली गई। उन्होनें यह भी बताया कि केंद्र में कुछ बच्चे आए थे लेकिन उन्हें खाना नहीं दिया गया। 

अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या भी मनमाने तरीके से दर्ज करा दी जाती हैं। यही वजह हैं कि बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पाता। इसके अलावा कई केंद्रों में अधिक उपस्थिति दर्ज कर रेडी-टू-ईट के लिए मिलने वाली राशि में भी भारी बंदरबाट किया जाता हैं। साथ ही साथ कई स्थानों पर जहां रेडी-टू-ईट का निर्माण किया जाता हैं वहां गेहूं की मात्रा बढ़ा दी जाती हैं। जिससे बच्चे नहीं खा पाते। इसके अलावा कई स्थानों पर एक स्व-सहायता समूहों को कई केंद्रों के लिए रेडी-टू-ईट फूड बनाने की जिम्मेदारी दी गई हैं, जिससे अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता।