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जहरीला चॉकलेट खाने से 13 बच्चे बेहोश, 2 की हालत गंभीर

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Sep 13, 2017

बिलासपुर : खमतराई गांव में चॉकलेट खाने के बाद 13 बच्चे बेहोश हो गए। सभी बच्चों को सिम्स में भर्ती कराया गया हैं। बच्चों को मंगलवार करीब 8 बजे बेहोशी की हालत में सिम्स में भर्ती किया गया। जिसमें दो की हालत काफी गंभीर हैं।

चिकित्सकों की नजर लगातार बच्चों की स्थिति पर बनी हुई हैं। कलेक्टर पी दयानन्द और पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव, अतिरिक्त कलेक्टर केडी कुन्जाम बच्चों की स्थिति को देखने अस्पताल पहुंचे।

खमतराई नया तालाब स्थित गणेश पंडाल के पास नशीला चॉकलेट खाने से 13 बच्चें बेहोश हो गए हैं।  जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम पांच बजे के आसपास गणेश पंडाल के बाहर बच्चे खेल रहे थे। 

इसी दौरान एक व्यक्ति कार से आया और सभी बच्चों को चॉकलेट खाने को दिया। इस दौरान बच्चों के माता पिता रोज की तरह मजदूरी करने बाहर गए थे। घर आने बाद देखा कि बच्चों का शरीर ठंडा हैं।

सभी बच्चे घर में लेटे हुए हैं। उन्हें जागने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सभी घरों के बच्चों की हालत एक सी थी। घर के सदस्यों ने रोना पीटना शुरू कर दिया। आनन-फानन में स्थानीय लोगों के सहयोग से अलग-अलग घरों से बच्चों को सिम्स में भर्ती कराया गया।

बच्चों के बेहोश होने की खबर शहर में आग की तरह फैल गई। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी सिम्स पहुंच गए। आठ साल की बच्ची सोनिया कैवर्त पिता विश्वेश्वर कैवर्त ने बताया कि वे लोग खेल रहे थे।

इसी बीच एक सफेद कार से उतर एक आदमी आया। उसने सभी लोगों को खाई दिया। वे लोग चॉकलेट खाकर अपने घर आए। इसके बाद क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं हैं। आठ साल के प्रिसं ने बताया कि कार से उतर कर एक आदमी आया।

उसके मुंह पर काला कपड़ा बंधा हुआ था। उसने सभी को चॉकलेट दिया। खाने के बाद घर गए, तो नींद आने लगी। मम्पी पापा ने जगाया तो आंख नहीं खुली। सिम्स में कब लाया गया इसकी जानकारी नहीं हैं।

जानकारी मिलते ही कलेक्टर पी.दयानन्द और पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव सिम्स में भर्ती सभी बच्चों को देखने पहुंचे। बारी-बारी से सभी बच्चों का हाल चाल पूछा। माता पिता से मिलकर बच्चों को जल्द ठीक होने की बात कही।

इसके पहले अतिरिक्त कलेक्टर ने होश में आ चुके बच्चों से जरूरी जानकारी ली। पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव समेत एडिश्नल एसपी नीरज चन्द्राकर ने बच्चों से बातचीत कर जरूरी जानकारी इकट्ठा की। कलेक्टर ने सिम्स अधीक्षक को निर्देश दिया कि बच्चों की स्वास्थ्य उपचार को गंभीरता से लिया जाए। पल-पल की जानकारी भी दें।

पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया हैं। होश में आने के बाद बच्चों से बातचीत करेंगे। उनसे मिली जानकारी महत्वपूर्ण होगी। आरोपी कोई भी हो सकता हैं, लेकिन किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। बच्चों के होश में आने का इंतजार हैं। सिम्स में भर्ती 13 बच्चों में से दो की हालत गंभीर बनी हुई हैं।