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सेक्स सीडी कांड : विनोद वर्मा की जान खतरे में, हो सकती है हत्या

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Oct 31, 2017

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मंत्री की कथित सेक्स सीडी का बवाल कायम है। मामले में गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को आज कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। विनोद वर्मा के जेल भेजे जाने के बाद सियासी बयान ने नई करवट बदली है। मामला शुरू हुआ था मंत्री की सेक्स सीडी से लेकर, लेकिन अब यह जा पहुंचा है अंतागढ़ टेपकांड और झीरम घाटी नक्सल हमले तक।

दरअसल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि कथित सेक्स सीडी मामले में गिरफ्तार किए गए विनोद वर्मा अंतागढ़ टेपकांड मामले में कई बड़े खुलासे करने वाले थे। यही वजह है कि सरकार ने षड्यंत्र के तहत उन्हें गिरफ्तार किया है।

छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मचाने वाले मंत्री की कथित सेक्स सीडी मामले का अंतागढ़ टेपकांड मामले से क्या लेना-देना है? दरअसल यह सवाल खड़ा किया है प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने।

बघेल का आरोप है कि पत्रकार विनोद वर्मा की अंतागढ़ टेपकांड में बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कई तथ्यों का खुलासा किया है। कई अहम तथ्य उनके पास मौजूद हैं। यही वजह है कि षड्यंत्रपूर्वक उन्हें निशाना बनाया गया है।

इधर बघेल ने यह भी कहा कि जिस तरह झीरम घाटी नक्सल हमले में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल समेत उनके बेटे दिनेश पटेल की हत्या कर दी गई। उसी तरह विनोद वर्मा की भी हत्या हो सकती है। जेल में उनके भोजन में जहर दिया जा सकता है।

बघेल ने दलील दी है कि दिनेश पटेल राजनीतिक व्यक्ति नहीं थे, लेकिन कांग्रेस के लिए तकनीकी एक्सपर्ट के तौर पर काम करते थे। ठीक वैसे ही विनोद वर्मा भी कांग्रेस में सोशल मीडिया की ट्रेनिंग देते थे।

बघेल ने कहा कि कांग्रेस की मदद करने वालों को सरकार ऐसे ही निशाना बनाती है। भूपेश बघेल ने कहा कि विनोद वर्मा अंतागढ़ टेप मामले पर कई अहम खुलासा करने वाले थे, यही वजह है कि सरकार ने उन्हें प्रताड़ित करने के लिए ये षड्यंत्र रचा है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सीडी कहां से आई इसकी कोई जानकारी नहीं है। एक महीने से वीडियो क्लिपिंग वायरल हो रही थी। सीडी की चर्चा 1 साल से हो रही है। इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। पुलिस के अधिकारी भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।

भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि सरकार इस पूरे मामले में दोहरा रवैया अपना रही है। एक तरह सरकार सीडी को फर्जी बता रही है, तो दूसरी ओर सीबीआई जांच भी करा रही है। बीजेपी की ओर से षड्यंत्र रचा गया है। 

सीएम के कहने का बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। सीडी कांड मामले की जानकारी सरकार के पास पहले से थी। उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। इस मामले में जल्द ही कुछ खुलासे होंगे। कांग्रेस पार्टी विनोद वर्मा के साथ खड़ी है। विनोद वर्मा के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं।

विनोद वर्मा जब मीडिया से मुखातिब होंगे, तो सीडी कांड के कई रहस्य बाहर आएंगे।  बघेल ने मांग की है कि ‎अंतागढ़ मामला, नसबंदी मामला, पनामा मामला, झीरम घाटी मामले की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से कराई जानी चाहिए। 

इधर बीजेपी की जिला कार्यसमिति की बैठक के दौरान मंत्री राजेश मूणत द्वारा बीजेपी के मंत्री-नेताओं को संकेत में दिए गए उस बयान पर भी चुटकी ली है कि जिसमें मूणत ने कहा था कि रात के अंधेरे में नेता कांग्रेसियों से मिलना बंद कर दे। बघेल ने मूणत के इस बयान पर कहा कि बीजेपी में नेताओं की गुटबाजी हावी हो गई है। ये बयान बीजेपी के भीतर के बिखराव को बयां करता है। 

इधर बीजेपी ने भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि किस मामले की जांच कहां से करानी है ये सरकार तय करेगी। भूपेश बघेल के तमाम आरोप बेबुनियाद है। तथ्य सामने आया है, तो बघेल बैकफुट पर चले गए हैं। उन्हीं के पार्टी का कोई बड़ा नेता उनके साथ खड़ा नजर नहीं आ रहा है। 

बहरहाल सीडी के धमाके की गूंज अब भी प्रदेश में गूंजती नजर आ रही है। मुद्दा सेक्स सीडी से शुरू हुआ था, लेकिन इस बवाल के बीच उन तमाम मुद्दों को भी कांग्रेस उठा रही हैं, जिनके बूते पार्टी की राजनीति छत्तीसगढ़ में चल रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सीडी की राजनीति पर बिछी सियासी बिसात में कौन मारेगा बाजी और किसकी होगी मात, ये आने वाला वक्त तय करेगा।